सरकार ने कहा कि वह पिछले चार दिन से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश कर रही है क्योंकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एफडीआई और डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह बताना चाहते हैं, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली.
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘हमने चार दिन पहले उनसे बात करने की कोशिश की. प्रधानमंत्री ने उनसे बात करने की कोशिश की. हमने उनके लिए संदेश छोड़ा ताकि वे बात कर सकें. उनकी तरफ से कोई संदेश नहीं मिला.’
चिदंबरम, तृणमूल कांग्रेस द्वारा खुदरा क्षेत्र में एफडीआई और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी के विरोध में सरकार से समर्थन वापस लेने के फैसले के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे.
कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक के बाद उनका यह बयान आया है. इस बैठक में तृणमूल द्वारा संप्रग से समर्थन वापस लेने के मसले पर चर्चा हुई.
इस बैठक में तय किया गया कि संप्रग सरकार डीजल की कीमतों में वृद्धि और खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहित अपने उन फैसलों के बारे में तृणमूल कांग्रेस को स्पष्टीकरण देगी, जिसके चलते ममता बनर्जी की इस पार्टी ने सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है.
प्रधानमंत्री आवास पर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद सूत्रों ने कहा कि सरकार तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों को उन परिस्थितियों के बारे में विस्तार से बतायेगी जिसके तहत ये फैसले किये गये.
इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि सरकार एफडीआई के निर्णय को पूरी तरह वापस लेने, डीजल के दामों में पांच रूपए की वृद्धि में कमी करने और एक साल में रियायती रसोई गैस सिलंडर की संख्या छह से 12 किए जाने की तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की मांगों पर क्या रुख अपनाएगी.
तृणमूल ने कहा है कि केन्द्र अगर उसकी मांगों को नहीं मानता है तो उसके छह मंत्री शुक्रवार को अपराहन मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे देंगे.
सूत्रों ने बताया कि चार दिन पहले भी सरकार ने अपने निर्णयों की पृष्ठभूमि के बारे में ममता से बात करने का प्रयास किया था.
मुकुल राय ने हालांकि, आज कहा कि सरकार से समर्थन वापस लेने के बुधवार रात किए गए निर्णय के बाद से सरकार की ओर से किसी ने ममता से बात नहीं की है.