घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें लगभग धराशायी होने के बाद किसानों के जबरदस्त विरोध को देखते हुए सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का निर्णय किया. सरकार ने यह शर्त भी लगा रखी है कि प्याज का निर्यात 600 डालर प्रतिटन से कम के भाव पर नहीं किया जा सकता.
खाद्य पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह द्वारा प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया गया. कीमतें 70-80 रुपये किलो के भाव पर पहुंचने के बाद घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने दिसंबर, 2010 के अंतिम सप्ताह में प्याज निर्यात प्रतिबंधित कर दिया था.
मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की बैठक के बाद एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भविष्य में प्याज की कीमतें अचानक न बढ़ें इसे ध्यान में रखते हुए मंतिसमूह ने 600 डालर (करीब 28,000 रुपये) प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य पर प्याज के निर्यात की अनुमति दी है.
प्याज निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य 525 डालर प्रति टन के स्तर से बढ़ाकर 1200 डालर प्रति टन कर दिया था. बाद में इसके निर्यात पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी. प्रतिबंध लगने से पहले भारत ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान खाड़ी देशों, श्रीलंका और मलेशिया को 11.58 लाख टन प्याज का निर्यात किया था.
गुरुवार को हुई बैठक में कृषि मंत्री शरद पवार, खाद्य मंत्री केवी थामस और वाणिज्य मंत्री आनन्द शर्मा उपस्थित नहीं थे. बैठक में रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृह मंत्री शरद पवार और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिह आहलूवालिया ने हिस्सा लिया.