बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा है कि सरकार सीवीसी को पद से हटने को कहे. हालांकि सीवीसी पीजे थॉमस की नियुक्ति को लेकर अब सरकार चाहती है कि थॉमस खुद अपने पद से इस्तीफा दे दें.
सीवीसी की रेस में थॉमस के अलावा दो अन्य नाम विजय चक्रवर्ती और एस. कृष्णन भी शामिल थे लेकिन सुषमा स्वराज की आपत्ति के बावजूद थॉमस को ही सीवीसी बनाया गया था जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सवालों के दायरे में ला खड़ा किया. दिसंबर, 2010 में कोर्ट ने सरकार से साफ कहा था कि वह सीवीसी को पद से हटने के लिए कहे.
इस बीच कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. इसके कुछ घंटे पहले एटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि जिस समिति ने थॉमस का चयन किया था, उसे उनके खिलाफ पामोलीन मामले में लगे आरोपों के बारे में जानकारी नहीं थी.
इस बीच मोइली से जब भाजपा नेता सुषमा स्वराज के इस वक्तव्य के बारे में पूछा गया कि सुषमा ने थॉमस के खिलाफ अभियोजन के बारे में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पी चिदंबरम को बताया था, तो मोइली इस सवाल को टाल गए. शुक्रवार को लाल कृष्ण आडवाणी ने भी सरकार से मांग की है कि वह सीवीसी को पद से हटाए.