सरकार स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उच्चतम न्यायालय से नवंबर तक का समय मांग सकती है. सूत्रों ने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी का काम कराने के लिए चुनी गई कंपनी ने जो कार्यक्रम दिया है उसके मुताबिक नीलामी की प्रक्रिया नवंबर के प्रारंभ में ही शुरू हो सकती है.
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘स्पेक्ट्रम की नीलामी सिर्फ नवंबर के प्रारंभ में शुरू हो सकती है. उच्चतम न्यायालय से इसी के अनुरूप समय मांगा जाएगा.’ दूरसंचार पर अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की बैठक में स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए उच्चतम न्यायालय से और समय मांगने का फैसला किया गया.
उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी की जानी है. अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘नीलामी कराने वाले कंपनी ने हमें इसका कार्यक्रम दे दिया है. हम उच्चतम न्यायालय के संपर्क कर अभी तक सरकार द्वारा की गई प्रक्रिया के तथ्य रखेंगे. स्पेक्ट्रम की नीलामी 31 अगस्त तक कराना संभव नहीं है.’
उच्चतम न्यायालय ने इसी साल 2 फरवरी को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल में दिए गए 2जी मोबाइल सेवाओं के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे. शीर्ष अदालत ने सरकार को खाली हुए स्पेक्ट्रम की नीलामी 31 अगस्त तक संपन्न करने का निर्देश दिया था. साथ ही अदालत ने रद्द लाइसेंसों की वैधता अवधि 7 सितंबर तक बढ़ा दी थी.
सिस्तेमा श्याम, यूनिनॉर तथा वीडियोकॉन जैसी कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी काफी महत्वपूर्ण है. उनके लिए अपने परिचालन को जारी रखने के लिए स्पेक्ट्रम हासिल करना जरूरी है. दूरसंचार मंत्री सिब्बल ने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के समक्ष अंतरिम आवेदन करेगी. सूत्रों ने बताया कि इस बारे में उच्चतम न्यायालय में आवेदन एक सप्ताह में दिया जाएगा.
दूरसंचार विभाग ने सोमवार को स्पेक्ट्रम नीलामी का कार्य कराने के लिए गुड़गांव की कंपनी टाइम्स इंटरनेट लि. (टीआईएल) का चयन किया है. वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अगुवाई वाले मंत्री समूह ने डॉट द्वारा टीआईएल के साथ मिलकर तैयार स्पेक्ट्रम नीलामी कार्यक्रम पर विचार विमर्श किया. अगले कदम के तहत दूरसंचार विभाग सूचना ज्ञापन (आईएम) जारी करेगा.
आईएम अंतिम दस्तावेज है जिसमें स्पेक्ट्रम नीलामी के बारे में पूर्ण जानकारी दी जाएगी. स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू करने से पहले सरकार को 13 प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा. इनमें संभावित बोली लगाने वाली कंपनियों के सवालों का जवाब देना, आवेदन मांगना और कंपनियों को आवेदन जमा कराने के लिए समय देना, पात्र बोलीकर्ता कंपनियों का चयन, जनसूचना सत्र तथा नीलामी का पूर्वाभ्यास शामिल है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम के लिए न्यूनतम मूल्य 14,000 करोड़ रुपये तय किया गया है. वहीं 800 मेगाहट्र्ज में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए न्यूनतम मूल्य 18,200 करोड़ रुपये रखा गया है.