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लोकपाल के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक होने की संभावना

सरकार ने प्रधानमंत्री को उनके पद पर बने रहने तक लोकपाल विधेयक के दायरे में लाने की संभावना को खारिज कर दिया लेकिन इस तरह के संकेत मिले कि वह इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के विचार जानने के लिये जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुला सकती है.

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सरकार ने प्रधानमंत्री को उनके पद पर बने रहने तक लोकपाल विधेयक के दायरे में लाने की संभावना को खारिज कर दिया लेकिन इस तरह के संकेत मिले कि वह इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के विचार जानने के लिये जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुला सकती है.

कांग्रेस कोर समूह की आज चौबीस घंटे के भीतर दूसरी बार हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह संकेत मिले. बैठक में प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने की मांग पर सरकार की रणनीति का फैसला किया गया.

बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

अन्ना हज़ारे के नेतृत्व वाले समाज के सदस्य प्रधानमंत्री के साथ ही उच्च न्यायपालिका को प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के दायरे में लाने पर जोर दे रहे हैं. लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति की अगली बैठक 20 और 21 जून को होने वाली है.

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समिति में सरकार की ओर से शामिल मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने आज इस मुद्दे पर सरकार के विरोध को स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में उनके पद छोड़ने तक नहीं लाया जा सकता.

सिब्बल ने उच्च न्यायपालिका और संसद के भीतर सांसदों के आचरण को भी प्रस्तावित लोकपाल के दायरे में लाने की संभावना को खारिज कर दिया.

उन्होंने कहा कि सरकार के भीतर प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में नहीं लाना चाहिए. लेकिन इसके साथ हम यह सुनिश्चित कराना चाहते हैं कि अगर प्रधानमंत्री पद त्याग देते हैं तो उन्हें अभियोजन के दायरे में लाया जा सकता है.

सिब्बल ने कहा कि सरकार लोकपाल मसौदा विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट के पास मंजूरी के लिये भेजने से पहले राजनीतिक दलों के साथ उस पर चर्चा करेगी. उन्होंने कहा, ‘सरकार मसौदा विधेयक को कैबिनेट के पास भेजने से पहले राजनीतिक दलों और मुख्यमंत्रियों से उनके विचार जानना चाहेगी. मसौदे के बारे में जो भी सहमति या असहमति होगी, उसे राजनीतिक दलों के समक्ष रखा जायेगा.’ लोकपाल मसौदा समिति की अगली बैठक 20 और 21 जून को होने वाली है.

इस बीच, कर्नाटक के लोकायुक्त और लोकपाल विधेयक मसौदा समिति के सदस्य संतोष हेगड़े ने हज़ारे से 16 अगस्त से अनशन पर नहीं जाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि वह समिति की 20 और 21 जून को होने वाली अगली बैठकों में पूर्व निर्धारित प्रतिबद्धताओं के चलते भाग नहीं ले सकेंगे.

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