दिल्ली सरकार शहर की पॉश कालोनियों में सर्किल रेट में 200 प्रतिशत तक की वृद्धि करने पर विचार कर रही है ताकि काले बाजार पर काबू पाया जा सके. सरकार के इस कदम से जमीन जायदाद की कीमतों में उछाल आ सकता है.
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उल्लेखनीय है कि दिल्ली में जमीन और अचल संपत्ति का न्यूनतम मूल्यांकन सर्किल रेट के हिसाब से किया जाता है. इनमें किसी भी तरह की वृद्धि से संपत्ति की कीमतों में उछाल आएगा. दिल्ली राजस्व विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सरकार संपत्ति सौदों में काले धन के प्रवाह को रोकने के लिए सर्किल रेट बढ़ाना चाहती है ताकि उसे पंजीकरण शुल्क व स्टांप ड्यूटी के रूप में राजस्व का नुकसान नहीं हो.
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उन्होंने कहा, 'अधिकांश मामलों में संपत्तियों की वास्तविक दरें कागजों में नहीं दिखाई जाती और इससे सरकार को स्टांप ड्यूटी तथा पंजीकरण शुल्क मद में राजस्व का नुकसान होता है.' उल्लेखनीय है कि फरवरी में भी सरकार ने सर्किल रेट में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की थी.
इस कदम को उचित ठहराते हुए सरकार के एक मंत्री ने कहा कि दिल्ली में सर्किल रेट नोएडा व गुड़गांव जैसे उपनगरों की तुलना में कम हैं. अधिकारियों का कहना है कि सर्किल रेट में 50 से 200 प्रतिशत के दायरे में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है.
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने कहा, 'कैबिनेट शीघ्र ही इस प्रस्ताव पर विचार करेगा.' प्रस्ताव मंजूर होने पर डिफेंस कालोनी, गोल्फ लिंक्स तथा गुलमोहर पार्क जैसे पॉश इलाकों में सर्किल रेट लगभग 200 प्रतिशत बढ़ सकता है. पिछले संशोधन के तहत ए श्रेणी की कालोनियों के लिए सर्किल रेट 86,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया था.