इस साल मानसून सामान्य रहने से खेती में हुई वृद्धि और कर वसूली भी अच्छी रहने से वर्ष 2010-11 में आर्थिक वृद्धि का अग्रिम अनुमान 8.5 फीसद तक रह सकता है. आर्थिक वृद्धि का अग्रिम अनुमान सोमवार को जारी किया जायेगा.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सोमवार को जारी होने वाले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अग्रिम अनुमान में वर्ष की आर्थिक वृद्धि 8.5 फीसद रहने की उम्मीद है.’’ चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 8.9 फीसद की मजबूत आर्थिक वृद्धि से उत्साहित सरकार चालू वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति आय में भी 6 से 7 फीसद वृद्धि का अनुमान जता सकती है.
वित्त वर्ष 2009-10 में प्रति व्यक्ति आय इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 14.5 फीसद बढ़कर 46,492 रुपये थी. इससे एक वर्ष पूर्व प्रति व्यक्ति आय 40,605 रुपये थी.
अधिकारी ने कहा कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 6 से 7 फीसद रह सकती है, जबकि इससे पिछले साल 2009-10 में यह 0.4 फीसद रही थी.
उसने कहा कि हालांकि तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि चिंता का विषय रहा लेकिन सरकार अग्रिम अनुमान में 8.5 फीसद वृद्धि के लक्ष्य को बरकरार रख सकती है. इसका कारण बेहतर कर वसूली और कृषि क्षेत्र की वृद्धि में सुधार है.{mospagebreak}
चालू वित्त वर्ष में पूरे वर्ष के दौरान कर वसूली बजटीय अनुमान से 37,000 करोड़ अधिक रहकर 7.82 लाख करोड़ रुपये रह सकती है. सरकार ने प्रत्यक्ष कर वसूली के लक्ष्य को भी संशोधित कर 4.46 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. पूर्व में यह लक्ष्य 4.30 करोड़ रुपये था.
इसके अलावा अप्रत्यक्ष कर वसूली के अनुमान को भी 3.15 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3.36 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.