केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ जांच कराई जा सकती है. इसके पहले बीजेपी ने कहा था कि कोई भी सक्षम एजेंसी गडकरी के खिलाफ जांच कर सकती है.
कम्पनी मामलों के केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कहा, 'यदि कोई अनियमितता हुई है तो हम उसकी जांच कराएंगे.' मोइली की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब मंगलवार को मीडिया रिपोर्टों में इस बात का खुलासा हुआ है कि आईआरबी नामक एक अधोसंरचना कम्पनी ने गडकरी की कम्पनी को 165 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. इसके दो वर्ष बाद आईआरबी को गडकरी की तरफ से सड़क निर्माण का ठेका प्रदान किया गया था. उस समय गडकरी महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) मंत्री थे.
इसके पहले इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने गडकरी पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने महाराष्ट्र के विदर्भ में गलत तरीके से जमीन हथियाई है. गडकरी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. बीजेपी ने नए आरोपों को भी खारिज कर दिया. पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा, 'आरोप बेबुनियाद हैं. पार्टी अध्यक्ष ने कहा है कि कोई भी सक्षम एजेंसी आरोपों की जांच कर सकती है.'
गडकरी को बीजेपी अध्यक्ष के रूप में एक और कार्यकाल मिलने वाला है और वह 2014 के आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने वाले हैं. कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने कहा, 'वह बीजेपी के अध्यक्ष हैं. यह बीजेपी को तय करना है कि वह किस तरह का, किस तरह की छवि वाला अध्यक्ष चाहती है. यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है. इसे हम उनके ऊपर छोड़ते हैं.'
कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता राशिद अल्वी ने इसे एक गम्भीर मामला बताया, और कहा कि गडकरी को निजी तौर पर स्पष्ट करना चाहिए, क्योंकि बीजेपी के एक और अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने भी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना किया था.
दूसरी ओर आईएसी ने कांग्रेस और बीजेपी, दोनों पर हमला किया है. आईएसी के सदस्य कुमार विश्वास ने कहा, 'कांग्रेस और बीजेपी, दोनों एक हैं. कांग्रेस-बीजेपी भाई-भाई, देश की मलाई लूट कर खाई.'