तेलंगाना मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ केन्द्र की अगली बैठक संभवत: 26 जनवरी से पहले होगी.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि छह जनवरी को केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आंध्र प्रदेश के पांच प्रमुख राजनीतिक दलों को श्रीकृष्णा समिति की रपट की प्रति सौंपी थी. उन्होंने कहा था कि ये दल अपने स्तर पर रपट पर विचार करने के बाद वापस केन्द्र सरकार से बात करने आएंगे.
चिदंबरम के साथ बैठक में शामिल दलों ने भी इच्छा जाहिर की थी कि वह महीने के अंत में एक बार फिर इस मुद्दे पर चिदंबरम से बात करना चाहेंगे.
अधिकारी ने कहा कि इन दलों के अपने स्तर पर बातचीत के बाद 26 जनवरी से पहले ही चिदंबरम से अगली बैठक करने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि सोमवार को गृह मंत्रालय अपने स्तर पर स्थिति की समीक्षा करेगा.
उल्लेखनीय है कि समिति की रपट में छह विकल्प सुझाये गये हैं, जिनमें से आंध्र का बंटवारा कर सीमांध्र और तेलंगाना राज्य का गठन तथा हैदराबाद को तेलंगाना की राजधानी बनाने के विकल्प का टीआरएस ने समर्थन किया है हालांकि समिति ने इसे दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प बताया है. तेलंगाना मुद्दे पर टीआरएस लगातार आंदोलनरत है.{mospagebreak}
चिदंबरम की बैठक का टीआरएस, भाजपा और तेदेपा ने बहिष्कार किया था. टीआरएस का कहना है कि इस बारे में राजनीतिक दलों के साथ बैठक करने से कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है. केन्द्र सरकार को इस संबंध में फैसला करना चाहिए.
समिति ने हालांकि आंध्र प्रदेश के तीनों क्षेत्रों का विकास करने, स्वायत्तशासी परिषद के गठन के विकल्प को सर्वश्रेष्ठ विकल्प बताया है. इसने तेलंगाना के विकास पर विशेष ध्यान देने की बात भी कही है. कांग्रेस आलाकमान द्वारा आंध्र प्रदेश का उप मुख्यमंत्री तेलंगाना क्षेत्र से बनाने की खबरें भी आयी हैं और पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी श्रीनिवास का नाम चर्चा में है, जो तेलंगाना के निजामाबाद से ताल्लुक रखते हैं.