टीम अन्ना की मुंबई में तीन दिन के अनशन की तैयारी के बीच सरकार ने कहा है कि लोकपाल विधेयक किसी के द्वारा ‘सड़कों या मैदानों में पास नहीं किया जा सकता और वह इस मामले से ‘सख्ती’ से निपटेगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘पांच सदस्यों की एक टीम सरकार पर एक विधेयक पारित करने के लिए दबाव नहीं डाल सकती. विधेयक को संसद में मतदान के बाद ही पारित किया जा सकता है. सिर्फ संसद ही विधेयक पारित कर सकती है. कोई भी सड़क या मैदान पर ऐसा नहीं कर सकता. वह संसद की तरफ से फैसला नहीं कर सकते. हम इससे सख्ती से निपटेंगे.’
नारायणसामी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब टीम अन्ना ने संसद में पेश किए गए लोकपाल विधेयक को ‘कमजोर’ बताकर नामंजूर कर दिया है और इस मामले पर एक बार फिर सरकार के साथ दो-दो हाथ करने पर आमादा है.
अन्ना हजारे सशक्त लोकपाल के समर्थन में 27 दिसंबर को मुंबई में तीन दिन के अनशन पर बैठने वाले हैं. उनकी मांग है कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाया जाए और अनशन के जरिए वह सरकार पर ऐसा करने के लिए दबाव बनाना चाहते हैं.
इस विधेयक पर संसद के शीतकालीन अधिवेशन की विस्तारित अवधि के दौरान मंगलवार से बहस शुरू होनी है. भाजपा सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने भी विधेयक के मौजूदा स्वरूप की आलोचना की है और वह अल्पसंख्यक आरक्षण मुद्दे पर सरकार से टकराव के मूड में हैं.