राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा कि सरकार लोकसभा में एक साल से अधिक समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने का रास्ता साफ करने के लिए सभी राजनैतिक दलों के साथ समन्वय कर रही है.
दक्षिण कोरिया और मंगोलिया का एक हफ्ते का दौरा पूरा करने के बाद नयी दिल्ली वापसी के दौरान पाटिल ने बताया कि मंगोलिया में महिला सांसदों के साथ बैठक के दौरान विधेयक से संबंधित मामले पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘जैसा हम चर्चा कर रहे हैं मंगोलियाई महिला सांसद भी संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण चाहती हैं. इसपर विधेयक पर आम सहमति बनाने हम सभी दलों के साथ काम कर रहे हैं जिसे लोकसभा में भी पारित किए जाने की आवश्यकता है.’
पाटिल ने कहा, ‘इसलिए मंगोलियाई महिला सांसदों ने कहा कि अगर आप ऐसा जल्द कर सके तो हम भी अपनी सरकार से कह सकते हैं.’ संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाले विधेयक को मार्च 2010 में राज्यसभा में पारित किया गया था. मंगोलिया के राजनैतिक नेतृत्व के साथ बैठक पर खुशी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा, ‘दोनों देशों के लोगों और महिलाओं में काफी सद्भावना है.’
चर्चा के दौरान यह विचार व्यक्त किया गया कि दोनों देशों की महिला प्रतिनिधियों के बीच और आदान-प्रदान होना चाहिए. न सिर्फ सांसदों बल्कि सामाजिक क्षेत्रों या किसी अन्य क्षेत्र में काम करने वाले अन्य लोगों के बीच भी आदान-प्रदान होना चाहिए. उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण की वकालत करते हुए कहा, ‘उनके यहां महिलाओं की आबादी करीब 50.5 फीसदी है. हमारे यहां सिर्फ 48.5 फीसदी है. इसलिए इस मामले में हम पीछे हैं. वहां पर करीब 80 फीसदी महिलाएं सामाजिक क्षेत्रों में काम कर रही हैं.’
राष्ट्रपति गत 24 जुलाई से दक्षिण कोरिया और मंगोलिया की यात्रा पर थीं. राष्ट्रपति के दौरे के दौरान भारत ने दक्षिण कोरिया के साथ असैनिक परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया था जबकि मंगोलिया के साथ रक्षा क्षेत्र में समझौते पर हस्ताक्षर किया था. इस दौरान इसके अतिरिक्त कई अन्य करार पर भी हस्ताक्षर किए गए. पाटिल ने कहा कि उन्होंने एशिया में सेंटर ऑफ एक्सेलेंस के तौर पर नालंदा विश्वविद्यालय को विकसित करने के प्रयास में दोनों देशों से सक्रिय रूप से शामिल होने का न्योता दिया.