गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने स्टैंडिंग कमेटी द्वारा तैयार किए गए लोकपाल बिल के मसौदे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने कमजोर लोकपाल बनाकर जनता के साथ धोखा किया है और सरकार अपनी बातों से मुकर रही है.
सरकार ने कहा था कि अन्ना एक मौका तो दें, हम सबसे बेहतर लोकपाल बिल लेकर आएंगे लेकिन सरकार अब मुकर रही है. अन्ना ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में होना चाहिए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है जो यह देश की जनता के साथ धोखा है. उन्होंने कहा कि सरकारी लोकपाल से भ्रष्टचार नहीं मिटने वाला. अन्ना ने कहा कि फिर से आंदोलन की जरूरत है.
इससे पहले स्टैंडिंग कमेटी अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखने पर फैसला नहीं हुआ है और इस पर 30 नवंबर को फैसला लिया जाएगा. वहीं, सीवीसी और सीबीआई को भी इसके दायरे से बाहर रखा गया है. बिल में झूठी शिकायत पर 6 महीने की सजा का भी प्रावधान किया गया है.
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी सिंघवी के इस बयान के बाद ही अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं और उनकी नजर में भी यह बिल कमजोर है. टीम अन्ना ने एमसीडी से 27 दिसंबर से 5 जनवरी तक के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान पर प्रदर्शन करने के लिए इजाजत भी मांग ली है. वहीं सरकार पर दबाव बनाने के लिए अन्ना 11 दिसंबर को जंतर-मंतर भी एक दिन का अनशन करने वाले हैं. अन्ना ने लोगों से अनशन में शामिल होने की अपील भी की.