केंद्रिय वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को कहा कि सरकार डीजल की कीमत पर से नियंत्रण हटाने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है, हालांकि रसोई गैस के लिए ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. मीणा ने राज्य सभा में दिए गए लिखित जवाब में कहा, 'सरकार डीजल की कीमत को बाजार पर आधारित बनाने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है.'
उन्होंने कहा, 'हालांकि आम आदमी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़ने और महंगाई के असर से बचाने के लिए सरकार डीजल की कीमत में जरूरी बदलाव करती रहेगी.' मीणा ने हालांकि कहा, 'रसोई गैस की कीमत को पूरी तरह से नियंत्रण मुक्त करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है.'
उधर डीजल को नियंत्रणमुक्त करने के सरकार के प्रयासों पर विपक्ष ने मंगलवार को सरकार को घेरने का प्रयास किया. विपक्ष ने कहा डीजल का दाम बाजार पर छोड़ने से यातायात महंगा होगा और कीमतों में इजाफा होगा. हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि उसने इस बारे में अभी केवल सैद्धांतिक निर्णय लिया है.
वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने एन के सिंह के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'सरकार ने डीजल की कीमतें बाजार द्वारा निर्धारित होने देने के प्रस्ताव को अभी केवल सैद्धांतिक मंजूरी दी है.' अभी पेट्रोल की कीमतें बाजार तय करता है लेकिन एलपीजी, किरोसिन और डीजल की कीमतें सरकार तय करती है जिसके परिणामस्वरूप सब्सिडी के बतौर भारी मात्रा में बजटीय व्यय होता है.
मीणा ने कहा कि अभी भी सरकार बढ़ते कच्चा तेल कीमतों के दुष्प्रभाव से आम आदमियों को बचाने के लिए डीजल कीमत को तय करती है जिसके परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति बढ़ती है.
डीजल कीमतों को तय करने का जिम्मा बाजार पर छोड़ने के सरकार के फैसले के लिए उसपर प्रहार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, 'सरकार कह रही है कि वे सैद्धांतिक रूप से इसे कर रही है और लोगों की आवश्यकता के अनुरूप इसमें कोई बदलाव करेंगे. लेकिन इसका यह मतलब हुआ कि वे डीजल कीमतों को बढ़ाने जा रहे हैं और कुछ ही दिनों में डीजल का झटका लगने जा रहा है.' बाद में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि डीजल कीमतों को नियंत्रणमुक्त करने का सैद्धांतिक फैसला पिछले वर्ष जून में लिया गया था.
जावडेकर के अनुसार, 'जो कौशिक बसु (मुख्य आर्थिक सलाहकार) कह रहे थे और संकेत दे रहे थे उसकी पुष्टि सरकार के लिखित उत्तर से हो गई है.' उन्होंने कहा, '..और हम ऐसी किसी पहल का विरोध करते हैं क्योंकि सभी तरह के परिवहन के लिए डीजल एक बुनियादी इंधन है और इससे मूल्यवृद्धि जोर पकड़ेगी.