टीवी एग्जीक्यूटिव नीरज ग्रोवर की 2008 में हुई हत्या के बाद से जेल में बंद कन्नड अभिनेत्री मारिया सुसाइराज आज सलाखों से बाहर आ गई. अदालत ने उसे साक्ष्य मिटाने के आरोप में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी और इतना समय वह जेल में पहले ही गुजार चुकी है.
तीस वर्षीय यह अभिनेत्री भूरे रंग का फूलदार कुर्ता और काले रंगे की पैंट पहने हुए थी जिसे पुलिसकर्मियों की टीम अपनी सुरक्षा में बाहर इंतजार कर रही एक कार तक ले गयी क्योंकि बाइकुला जेल के बाहर बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद थे.
अपने भाई के साथ मारिया प्रार्थना करने के मकसद से 10 मिनट के लिए माहिम चर्च में रुकी.
कन्नड अदाकारा को भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (सबूत मिटाने) का दोषी पाया गया था और उसे कल उसके प्रेमी नौसेना के पूर्व अधिकारी एमली जेरोम के साथ सजा सुनाई गई थी.
पच्चीस वर्षीय टीवी एग्जीक्यूटिव नीरज ग्रोवर की हत्या के मामले में मारिया को अदालत ने साक्ष्य मिटाने का दोषी पाते हुए तीन साल और जेरोम (28) को गैर इरादतन हत्या के जुर्म में दोषी करार देते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी .
मारिया सुनाई गई तीन साल कैद की सजा की अवधि जेल में पहले ही पूरी कर चुकी है जबकि जेरोम को अभी सात साल और सलाखों के पीछे रहना होगा.
जेरोम को सबूत मिटाने के जुर्म में भी तीन साल कैद की सजा सुनाई गई. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी. ग्रोवर की हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए उसकी लाश के बहुत से टुकड़े कर दिए गए थे.
अभियोजन ने मारिया और जेरोम पर हत्या आपराधिक षड्यंत्र साझा मंशा और सबूत मिटाने के आरोप लगाए थे.
मारिया के वकील शरीफ शेख ने तर्क दिया था कि मारिया भादंसं की धारा 201 के अनुरूप पहले ही तीन साल जेल में काट चुकी है और ‘उसे अधिक दिन तक जेल में रखना अवैध हिरासत के समान होगा.’ यह उल्लेख करते हुए कि वह आदतन अपराधी नहीं है शेख ने मारिया की युवा उम्र पर विचार करते हुए उसे कम सजा दिए जाने का आग्रह किया था.
सत्र अदालत के न्यायाधीश एनडब्ल्यू चंदवानी ने गुरुवार को दोनों से हत्या के आरोप हटा दिए थे और सजा कल सुनाई. अदालत ने दोनों पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना भी किया जो पीड़ित के पिता को दिया जाएगा.
नीरज ग्रोवर के दुखी पिता अमरनाथ ग्रोवर ने इस सजा को मारिया को ‘दोषमुक्त’ किए जाने जैसा करार दिया.
हत्या के बाद नीरज की लाश के टुकड़े कर इन्हें ठाणे से लगते मानोर के जंगलों में फेंक दिया गया था.