गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल ने राज्य सरकार से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सद्भावना’ उपवास पर हुए खर्च का ब्योरा मांगा है. जिसके बाद मुख्यमंत्री से उनका टकराव बढ़ता दिख रहा है.
लोकायुक्त के गठन के मुद्दे पर सरकार के साथ विवाद के बाद राज्यपाल ने अब महागुजरात जनता पार्टी के अध्यक्ष गोरधन जदाफिया के ज्ञापन के आधार पर एक पत्र लिखा है.
राज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने आज कहा कि राज्यपाल ने उपवास पर किये गये खर्च और उसकी मंजूरी के लिए अपनाई गयी प्रक्रिया का ब्योरा राज्य सरकार से मांगा गया है.
मोदी सरकार में मंत्री रह चुके जदाफिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने तीन दिनी उपवास पर खर्च के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया. जदाफिया ने भाजपा से अलग होकर अपनी पार्टी एमजेपी की स्थापना की थी.
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने अपने प्रधान सचिव अरविंद जोशी के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 22 सितंबर को पत्र लिखकर उनसे जदाफिया के आरोपों पर जवाब देने को कहा. पत्र में खर्च को मंजूरी देने के लिए अपनाई गयी प्रक्रिया के बारे में भी पूछा गया है.
मोदी ने यहां गुजरात विश्वविद्यालय के सभागार में 17 से 19 सितंबर तक प्रदेश में शांति, एकता और सद्भावना के लिए उपवास किया था.
जदाफिया ने भी कल गांधीनगर में 51 घंटे का ‘संवेदना’ उपवास शुरू किया.
जदाफिया के मुताबिक वह मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच लोकायुक्त को सौंपने की मांग को लेकर उपवास कर रहे हैं. मोदी ने कल कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि राज भवन के माध्यम से उनकी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने राज्यपाल को हटाने की भी मांग की.
मोदी ने पहले भी प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति पर उठे विवाद के बीच राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग की थी. राज्यपाल ने प्रदेश सरकार से सलाह मशविरा किये बिना एक अभूतपूर्व कदम के तौर पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर ए मेहता को प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया था.