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लोकायुक्‍त मामले में मोदी को हाईकोर्ट से राहत

गुजरात उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अदालत की अवमानना से संबंधित कार्यवाही चलाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

गुजरात उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अदालत की अवमानना से संबंधित कार्यवाही चलाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.

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लोकायुक्त की नियुक्ति के मुद्दे पर राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए मोदी की ओर से प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र अदालती कार्यवाही के दौरान सार्वजनिक किए जाने पर मुख्यमंत्री के खिलाफ ये याचिकाएं दायर की गई थीं.

भीकाभाई जेठवा ने सितंबर में लोकायुक्त की नियुक्ति पर ऐसे समय प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने और इसे मीडिया को सार्वजनिक किए जाने पर मोदी के खिलाफ याचिका दायर की थी जब मामला अदालत में विचाराधीन था क्योंकि सरकार ने नियुक्ति को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

हालांकि न्यायमूर्ति अकील कुरैशी और न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी की खंडपीठ ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से भेजा गया पत्र न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के इरादे से नहीं लिखा गया था. जन संघर्ष मंच नाम के एक गैर सरकारी संस्थान ने अपने वकील राजेश मनकाड के जरिए इसी मामले पर एक अन्य याचिका दायर की थी.

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गौरतलब है कि अगस्त 2011 में गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल ने राज्य सरकार को दरकिनार करते हुए सेवानिवृत न्यायधीश न्यायमूर्ति आर.ए मेहता को राज्य का लोकायुक्त नियुक्त कर दिया था. इसके कुछ दिनों बाद ही मोदी ने प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा था.

अपने फैसले में न्यायालय ने कहा कि पत्र में मोदी की ओर से पेश किए गए अधिकांश तर्क नियुक्ति के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका में मौजूद थे. न्यायालय ने यह भी कहा कि याचिकर्ता यह भी साबित करने में असफल रहे हैं कि यह पत्र मुख्यमंत्री ने मीडिया को लीक किया या उनके निर्देश पर लीक किया गया.

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