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आईपीएस अधिकारी ने लगाए मोदी पर आरोप

गोधरा की घटना के बाद गुजरात में हुए दंगों को लेकर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर आरोपों के घेरे में हैं और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि मोदी ने हिन्दुओं को ‘अपनी नाराजगी का इजहार करने’ की अनुमति दी थी.

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गोधरा की घटना के बाद गुजरात में हुए दंगों को लेकर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर आरोपों के घेरे में हैं और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि मोदी ने हिन्दुओं को ‘अपनी नाराजगी का इजहार करने’ की अनुमति दी थी.

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आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामे में कहा कि मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी 2002 को एक बैठक में यह विचार प्रकट किया था कि हिन्दुओं को अपनी नाराजगी का इजहार करने की अनुमति दी जाए. उनके करीबी सूत्रों ने जकिया जाफरी मामले में दाखिल हलफनामे का जिक्र किया.

भट्ट ने हलफनामे का ब्यौरा देने से इनकार करते हुए कहा, ‘मैंने 14 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय में एक हलफलामा दाखिल किया है. यह विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही पड़ताल के बारे में है.’ भट्ट उस समय राज्य खुफिया ब्यूरो में डीसीपी पद पर तैनात थे.

उन्होंने हलफनामे में कहा कि वह 27 फरवरी की बैठक में शामिल हुए थे जिसमें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दंगाइयों के प्रति ‘उदासीन’ रहने को कहा था. भट्ट 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और अभी वह जूनागढ़ जिले में स्थित राज्य रिजर्व पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य हैं. मोदी ने हालांकि एसआईटी के समक्ष अपने बयान में कहा कि उस समय भट्ट कनिष्ठ अधिकारी थे और वह 27 फरवरी की बैठक में मौजूद नहीं थे.

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अधिकारी ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि उच्चतम न्यायालय 2002 के दंगों से जुड़े विभिन्न मामलों के साथ हलफनामे पर 27 अप्रैल को विचार करेगा लेकिन यह मीडिया को कैसे लीक हो गया. भट्ट ने उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी को नजरअंदाज करते हुए हलफनामा सीधे शीर्ष अदालत में दाखिल किया था.

हलफनामे की सामग्री पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुजरात कांग्रेस के प्रमुख अर्जुन मोठवडिया ने कहा कि भाजपा और उसके आलाकमान को भट्ट के आरोपों पर जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मेरा सवाल भाजपा से है. वे प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वह एक मामूली मामला है जिस पर वे संसद को नहीं चलने दे रहे तो भाजपा और उसके आलाकमान का देश के सामने क्या जवाब है?’

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने हलफनामा सीधे उच्चतम न्यायालय को क्यों सौंपा, भट्ट ने कहा, ‘मेरे हलफनामा दाखिल करने का कारण इसमें दर्ज है.’ भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा, ‘इस मामले को एक न्यायिक तंत्र देख रहा है. हमें यह मुद्दा उस तंत्र के लिए ही छोड़ देना चाहिए.’ पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा, ‘यह (हलफनामा) एसआईटी द्वारा की जा रही जांच का हिस्सा है.’

उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय एसआईटी पर नजर रख रहा है. हमें अदालत पर पूरा भरोसा है. यह मामला न्यायालय में है. हम उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा करेंगे.’

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सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा, ‘यह पहला मौका है जब ऐसे व्यक्ति का प्रमाण सामने आया है जो वहां मौजूद था.’ उन्होंने मोदी पर जांच को प्रभावित करने का भी आरोप लगाया. पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जी एस रायगढ़ ने कहा कि जिस दिन बैठक हुई थी, वह अवकाश पर थे और उन्हें बैठक के ब्यौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

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