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गुजरात फर्जी एनकाउंटर: जनवरी में होगी सुनवाई

उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 से 2006 के बीच गुजरात में हुई उन कथित फर्जी मुठभेड़ों से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवायी अगले वर्ष जनवरी महीने में करने का फैसला किया जिनसे कथित रूप से यह आभास होता है कि आतंकवादियों की आड़ में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया.

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उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय

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उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2002 से 2006 के बीच गुजरात में हुई उन कथित फर्जी मुठभेड़ों से संबंधित दो याचिकाओं पर सुनवायी अगले वर्ष जनवरी महीने में करने का फैसला किया जिनसे कथित रूप से यह आभास होता है कि आतंकवादियों की आड़ में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया.

न्यायालय ने कहा कि वर्ष 2007 में दायर याचिकाएं महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित है और उस पर सुनवायी बिना किसी देरी के होनी चाहिए.

न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति रंजन प्रकाश देसाई वाली एक पीठ ने कहा, ‘ये महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जो चार से पांच वर्ष से लंबित है. हम इस मामले में और देरी नहीं करना चाहते.’

पीठ ने कहा कि वह इस मामले की सुनवायी अगले वर्ष जनवरी में किसी समय करेगी. जानेमाने पत्रकार बी जी वर्गीज ने एक जनहित याचिका दायर करके गुजरात में वर्ष 2003 से वर्ष 2006 के बीच पुलिस की ओर से किये गए कथित 21 फर्जी मुठभेड़ों की जांच कराने की मांग की है.

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इसके साथ ही गीतकार जावेद अख्तर की ओर से दायर एक अन्य जनहित याचिका में गुजरात में हुए कथित मुठभेड़ मामलों की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की गई है. इसमें दावा किया गया है कि इन कथित फर्जी मुठभेड़ों में निर्दोष लोगों विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय को आतंकवादियों के रूप में निशाना बनाया गया.

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