राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर कल देर रात एक उच्च स्तरीय बैठक में कानून व्यवस्था की समीक्षा की और प्रदेश में शांति एवं आपसी सद्भाव बनाये रखने की अपील की है.
गहलोत ने आंदोलनकारी गुर्जर नेताओं से राज्य सरकार द्वारा गठित तीन मंत्रियों की समिति से इस मसले का सौहाद्र्रपूर्वक हल निकालने के लिये बातचीत करने का आग्रह किया है.
दूसरी ओर गृहमंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गठित समिति की कल देर रात हुई बैठक में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये आदेश पर शीघ्र क्रियान्वयन के लिये विचार कर कानूनी विशेषग्यों से राय ली गयी. समिति ने बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी भेंट की.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में राज्य सरकार के इस संकल्प को दोहराया कि विशेष पिछडा वर्ग (गुर्जर, रेबारी, गाडिया लुहार और बंजारा) को एक प्रतिशत आरक्षण 50 प्रतिशत के दायरे में दिया जायेगा, 4 प्रतिशत पद नोशनल आधार पर आकर्षित रखें जायेंगे, जिन पर उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन में जब भी निर्णय होगा इस वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुकि्त का अवसर दिया जायेगा. इसके अलावा अन्य पिछडा वर्ग के तहत दिये जा रहे 21 प्रतिशत आरक्षण में भी इन्हें नियमानुसार आरक्षण मिलेगा.{mospagebreak}
मुख्यमंत्री ने गुर्जर समुदाय से फिर अपील की है कि न्यायालय के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकार को सहयोग दें ताकि जातियों का सर्वे, डाटा संकलित करने की प्रक्रिया शीघ््राातिशीघ्र शुरु की जा सके. उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा नहीं हो तथा लोगों को आने जाने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिये गुर्जर समुदाय मानवीय दृष्टिकोण रखते हुये सहयोग करे.
गहलोत ने कहा कि गुर्जर आरक्षण के संदर्भ में लम्बित मांगों की मुख्य सचिव स्तर पर गहन समीक्षा की जायेगी तथा इसकी निरन्तर निगरानी रखी जायेगी ताकि गुर्जर आरक्षण मसले का शांतिपूर्वक समाधान सुनिश्चित किया जा सके.
बैठक में प्रदेश के अनेक मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. उधर मुख्यमंत्री द्वारा आरक्षण मुद्दे के समाधान के लिये गृहमंत्री की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय मंत्रि.समिति के समक्ष करीब 10 जिलों के गुर्जर प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा.
समिति के सदस्य उर्जा मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि धारीवाल की अध्यक्षता में समिति की हुई बैठक में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा हाल में दिये गये फैसले की समीक्षा कर आदेश की अनुपालना शीघ्र से शीघ्र करने के मुद्दे पर विचार किया गया.
उन्होंने कहा कि समिति कानून विशेषज्ञों से भी राय लेगी. समिति आज भी गुर्जर प्रतिनिधियों से उनकी राय लेगी.