इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने उत्तर प्रदेश के पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा द्वारा अपना नाम बदले जाने के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देने की गुजारिश सम्बन्धी जनहित याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया.
न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने सभाजीत सिंह नामक व्यक्ति द्वारा दायर इस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अदालत इस मुकम्मल नतीजे पर पहुंचती है कि मौजूदा याचिका व्यापक जनहित का कोई ऐसा सवाल नहीं उठाती है जिससे अदालत के दखल की जरूरत हो.
इस जनहित याचिका में अदालत से गुजारिश की गई थी कि वह कुशवाहा द्वारा अपने पुराने नाम राम चरण को बदलकर बाबू सिंह किये जाने के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे. याची ने कुशवाहा के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने, मंत्री के रूप में उन्हें प्राप्त आय को वसूल करने और उनके खिलाफ सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के आदेश देने की गुजारिश भी की थी.