मद्रास उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जमानत राशि बढ़ाए जाने को चुनौती दी गई है.
न्यायमूर्ति पी. ज्योतिमणि ने रामंथपुरम के जी. मुरुगेंद्रन की रिट याचका पर नोटिस जारी किया.
वर्ष 2009 में सरकार ने जन प्रतिनिधित्व कानून 1996 में संशोधन करते हुए लोकसभा चुनाव लड़ने पर सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी थी. अनुसूति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए इसे पांच हजार से बढ़ाकर 12 हजार 500 रुपये कर दिया गया था.
विधानसभा चुनाव लड़ने की स्थिति में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए यह राशि पांच हजार से बढ़ाकर 10 हजार जबकि अनुसूति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवरों के लिए यह ढाई हजार से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दी गई थी.