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छत्तीसगढ: फर्जी तरीके से दाखिले पर तीखी टिप्पणी

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में मेडिकल कॉलेज में अपनी पुत्री और उसकी सहेली को गलत तरीके से प्रवेश दिलाने के मामले में न केवल तत्कालीन डीएमई पर तीखी टिप्पणी की है बल्कि याचिकाकर्ताओं की सभी याचिकाएं ख़ारिज कर दी है.

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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में मेडिकल कॉलेज में अपनी पुत्री और उसकी सहेली को गलत तरीके से प्रवेश दिलाने के मामले में न केवल तत्कालीन डीएमई पर तीखी टिप्पणी की है बल्कि याचिकाकर्ताओं की सभी याचिकाएं ख़ारिज कर दी है.
अदालती सूत्रों ने आज यहां बताया कि वर्ष 2006 में राज्य के तत्कालीन संचालक, स्वास्थ्य शिक्षा :डीएमई: डॉ एसएल आदिले ने अपनी पुत्री आकांक्षा आदिले और उसकी सहेली प्रिया गुप्ता को सेन्ट्रल पूल की रिजर्व सीट पर गलत तरीके से जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाया था.
इस मामले की शिकायत डॉ अनिल खाखरिया ने राज्य शासन से की थी. राज्य शासन ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई थी और शिकायत को सही पाए जाने पर आकांक्षा और प्रिया के प्रवेश को निरस्त कर दिया था.
सूत्रों ने बताया कि राज्य शासन के इस फैसले के खिलाफ दोनों छात्राओं ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर स्थगन प्राप्त कर लिया था. बाद में उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के जरिए दोनों ने सभी सेमेस्टर की परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति भी प्राप्त कर ली थी. दोनों छात्राओं ने जब उच्च न्यायालय में अंतिम सेमेस्टर में बैठने की अनुमति प्राप्त करने के लिए याचिका दायर की तो उच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम राहत प्रदान करते हुए परीक्षा में बैठने की अनुमति तो दी लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच और परिणाम रोके रखा.
मंगलवार को न्यायमूर्ति आई एम कुद्दुसी और न्यायमूर्ति जी मिन्हाजुद्दीन की युगल पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है. उच्च न्यायालय ने शासन के फैसले को सही ठहराते हुए आदिले पर पद का दुरूपयोग करने और सेन्ट्रल पूल से गलत आधार पर अपनी पुत्री और एक अन्य को मेडिकल कॉलेज में दाखिला देने पर तल्ख टिप्पणी भी की है.

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