इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री राखी सावंत के खिलाफ मुजफ्फरनगर की एक अदालत में मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी. राखी सावंत के खिलाफ यह मुकदमा उनके खिलाफ मानहानि के मामले में चल रहा है.
सावंत की ओर से दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति बालकृष्ण नारायण ने उत्तर प्रदेश सरकार और मुजफ्फरनगर पुलिस को चार हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा.
नरेंद्र सिंह नाम के एक व्यक्ति ने सावंत के खिलाफ मानहानि और अश्लीलता को लेकर एक मामला दर्ज कराया था जिसके संबंध में वह मुकदमे का सामना कर रही हैं. सिंह ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी सुनीता सिंह को सावंत के विवादास्पद टीवी शो ‘राखी का इंसाफ’ की एक कड़ी में किसी और की पत्नी दिखाया गया.
सावंत के वकील शिशिर टंडन ने दलील दी कि निचली अदालत ने मुकदमे की सुनवाई शुरू कर दी है और ‘मामले के तथ्यों और रिकार्ड में दर्ज सामग्रियों के संबंध में बिना सोचे-समझे’ सम्मन जारी कर दिया.
अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. अदालत ने कहा कि दूसरे पक्ष से जवाब मिलने के बाद मामले पर विचार किए जाने की आवश्यकता है.
सावंत का टीवी शो कई बार विवादों में घिर चुका है. शो में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किए जाने को लेकर शिकायत के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मद्देनजर उसे प्राइम टाइम से हटाकर देर रात में दिखाया जाने लगा था.