उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज इस पद पर दोबारा चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है और वह देश में दो बार उपराष्ट्रपति बनने का रिकार्ड बनाने वाले दूसरे व्यक्ति बन गये हैं.
अंसारी का नाम संप्रग के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों में भी बना हुआ था और वह इस शीर्ष संवैधानिक पद के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन की दूसरी पसंद थे. लेकिन अंतत: प्रणब मुखर्जी संप्रग के उम्मीदवार चुने गए.
75 वर्षीय अंसारी ने अपने कैरियर की शुरूआत भारतीय विदेश सेवा के नौकरशाह के रूप में 1961 में की थी और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी उन्होंने सेवाएं दीं. दोबारा उपराष्ट्रपति बनकर वह जानेमाने दार्शनिक एवं शिक्षाविद एस राधाकृष्णन के बाद इस पद के लिए लगातार दूसरी बार चुने जाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं. राधाकृष्णन 1952 से 1962 के बीच दो बार देश के उपराष्ट्रपति रहे.
साल 2007 में अंसारी आश्चर्यजनक रूप से तब उपराष्ट्रपति चुने गए जब संप्रग-एक सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे वाममोर्चा ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और कांग्रेस नीत गठबंधन ने उसे स्वीकार कर लिया.
अंसारी ने 2007 में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में 788 सदस्यीय निर्वाचन मंडल में 455 मत प्राप्त कर भाजपा की उम्मीदवार नजमा हेपतुल्ला को पराजित किया था. यूएनपीए के उम्मीदवार राशिद मसूद तीसरे स्थान पर रहे.
इस चुनाव में राजग के उम्मीदवार जसवंत सिंह को मिले 238 मतों के मुकाबले 490 मतों से यह चुनाव जीत कर अंसारी देश के 14वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए.
साल 2007 में जब अंसारी को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया था तब वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष थे. पिछले वर्ष संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन लोकपाल विधेयक पर राज्यसभा की कार्यवाही आधी रात को अचानक से स्थगित करने के विवादास्पद निर्णय को छोड़ दें तो उच्च सदन के सभापति के रूप में उनका कार्यकाल कुल मिलाकर निर्विवाद रहा है. भाजपा ने उनके उक्त निर्णय की काफी आलोचना की थी.
अंसारी ने सदन की कार्यवाही में नयी पहलें करने का प्रयास किया और प्रश्नकाल की कार्यवाही को सुबह 11 बजे के स्थान पर अपराह्न दो बजे किया ताकि व्यवधान की वजह से समय की बर्बादी को रोका जा सके. लेकिन बाद में इस निर्णय को वापस ले लिया गया.
अंसारी ने संयुक्त राष्ट्र, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायोग में भारत के प्रतिनिधि और संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान, ईरान और सउदी अरब में भारत के राजदूत के तौर पर काम किया है. पद्मश्री से सम्मानित अंसारी मई 2000 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति बने और इस पद पर मार्च 2002 तक रहे.
अंसारी गुजरात दंगों के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी जाने जाते हैं. एक अप्रैल 1937 को कोलकाता में जन्मे अंसारी का पैतृक स्थान उत्तरप्रदेश का गाजीपुर है. उनकी शिक्षा दीक्षा सेंट एडवर्ड्स हाई स्कूल शिमला, सेंट जेवियर्स कालेज कोलकाता और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई.
अंसारी के परिवार में उनकी पत्ती सलमा अंसारी, दो पुत्र और एक पुत्री हैं. वह गोल्फ और क्रिकेट के शौकीन हैं. अंसारी ने पश्चिम एशिया, ईरान और कई अंतरराष्ट्रीय विषयों पर पुस्तकें भी लिखी हैं.