हरभजन सिंह ने टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट पूरे कर लिये हैं. उनका 400वां शिकार बने कर्ल्टन बॉ. इस टेस्ट से पहले हरभजन के 398 विकेट थे लेकिन गुरुवार को लंच के बाद जल्दी-जल्दी दो विकेट लेकर उन्होंने ये कारनामा कर दिखाया. इसके साथ ही 400 विकेट लेने वाले तीसरे भारतीय बन गये हैं.
मौका स्पेशल है जो जश्न भी स्पेशल होना ही चाहिए, तो भज्जी ने दिल खोल के जश्न मनाया. जश्न मनाने की एक नहीं दो-दो वजहे हैं. ये कामयाबी उन्हें अपने 31वें बर्थडे से ठीक एक दिन पहले मिली है.
यूं तो भज्जी के नाम का जादू पिछले दस साल से चल रहा है लेकिन इस कामयाबी ने सही मायने में इस सिंह को किंग बना दिया है. क्योंकि ये वो मुकाम है जो अबतक दुनिया के कुछ ही गेंदबाज़ों को नसीब हुआ है. खासकर भारत में ऐसा कारनामा करने वाले भज्जी सिर्फ तीसरे गेंदबाज़ हैं.
भज्जी से पहले ये कमाल सिर्फ कपिल और कुंबले ही कर सके थे. भज्जी ने अपने पराक्रम से अपना नाम इन दिग्गज़ों की लिस्ट में शामिल करा लिया है. भज्जी एक मामले में कपिलदेव से भी आगे हैं. कपिल ने 115 टेस्ट मैचों में ये 400 का आंकड़ा छुआ, भज्जी ने ये कारनामा 96 टेस्ट मैचों में ही कर दिखाया. इस मामले में भज्जी से तेज सिर्फ कुंबले ही रहे हैं.
भज्जी शायद कुंबले से भी ज्यादा तेज साबित हुए होते अगर 2006 और 2007 में उनका खराब दौर नहीं आया होता. खैर भज्जी अभी 31 के हुए हैं और उन्हें खुद को सबसे बेहतर साबित करने के अभी बहुत मौके मिलेंगे. ऐसा इसलिए भी विकेट लेने की उनकी भूख और रफ्तार बढ़ती ही जा रही है.
301 से 400 विकेट लेने में उन्हें सिर्फ 24 टेस्ट लगे हैं. यानी शिकार करने का लुत्फ वो पहले भी कहीं ज्यादा उठा रहे हैं. इतना ही नहीं विदेशी जमीन पर भी भज्जी का दबदबा बढ़ा है, अब वो सपोर्ट गेंदबाज़ की तरह नहीं एक स्ट्राइक गेंदबाज़ तरह खेल रहे हैं. अब वो पिच की परवाह किये बगैर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं. सोच और तरीके में ये बदलाव उनके इस सफर को और शानदार बनाएगा.