कालाधन के खिलाफ करार्रवाई के लिए नागरिक संगठनों के दबाव के बीच सरकार ने कहा कि वह उन देशों और क्षेत्रों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जो काले धन की जांच के संबंध में भारत के साथ सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए तैयार नहीं है.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भारत के पास सहयोग न करने वाले क्षेत्रों के साथ लेनदेन से निपटने के लिए उसके पास पर्याप्त औजार है. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने संवाददाताओं को बताया, ‘हमने ‘टूलबाक्स’ (उपाय) विकसित किए हैं. हम कर चोरी के पनाहगाह देशों को गैर सहयोगी देश घोषित करने में सक्षम हैं और जरूरत पड़ने पर हम यह करेंगे. हम उचित कदम उठाएंगे.’
हालांकि, उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी भी देश को ‘गैर सहयोगी देश’ के वर्ग में नहीं डाला गया है. मुखर्जी ने कहा कि भारत कई देशों के साथ दोहरे कराधान से बचाव की संधियों पर बातचीत कर रहा है और साथ ही कर चोरी के पनाहगाह बने देशों के साथ कर सूचना आदान प्रदान समझौता कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘हमें काफी सहयोग मिल रहा है.’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने गैर सहयोगी देशों के साथ निपटने के लिए एक ‘टूलबाक्स’ विकसित किया है. इस टूलबाक्स के तहत कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए गैर सहयोगी देशों में स्थित कंपनियों को किए जाने पर भुगतान पर विदहोल्डिंग टैक्स लगाया जाएगा या 30 प्रतिशत या इससे अधिक दर से स्रोत पर कर कटौती की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सोल में हुई जी-20 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने प्रत्येक देश को गैर सहयोगी देशों के खिलाफ उपाय करने के लिए एक टूलबाक्स विकसित करने को कहा था. इसके प्रस्तावित प्रावधानों के तहत सरकार उन देशों को अधिसूचित कर जो बैंकिंग सूचना एवं अन्य ब्यौरे साझा करने से इनकार करते हैं.