मुम्बई आतंकवादी हमले में सहआरोपी डेविड कोलमैन हेडली धन कमाने के लिए अपने उथल पुथल भरे जीवन की घटनाओं पर एक पुस्तक लिखने के साथ ही फिल्म भी बनाना चाहता था.
हेडली ने अपने पाकिस्तानी मूल के मित्र तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ जारी सुनवायी के दौरान अदालत में कहा कि उसे मुम्बई आतंकवादी हमले में भारतीय नागरिकों के मारे जाने का पछतावा है. 50 वर्षीय हेडली ने कहा कि जिस तरह से उसने शिकायतों का निवारण किया वह गलत था.
राणा के वकील पैट्रिक ब्लेगन ने अदालत को बताया कि हेडली ने अपनी पत्नी शाजिया सहित कई लोगों को एक पुस्तक लिखने और फिल्म बनाने की अपनी योजना के बारे में बताया था. उन्होंने बताया कि उसने अपनी पत्नी को फोन पर बताया, ‘एक बार मैं जेल से बाहर आ जाउं तो मैं इस पूरे घटनाक्रम पर एक पुस्तक लिखने के साथ ही एक फिल्म भी बनाउंगा.’
हेडली ने कहा, ‘यदि मैं एक पुस्तक लिखूं तो मैं काफी धन कमा सकता हूं.’ उसने यह भी कहा कि एक बार वह जेल से रिहा हो जाये उसके बाद वह मीडिया और आम जनता में इस्लाम के प्रति जो गलत धारणा है उसे दूर करना चाहेगा.
अमेरिका के साथ अपने प्रत्यर्पण और फांसी को रोकने के लिए समझौता करने वाले हेडली ने कहा कि वह अपने लिए हल्की सजा की उम्मीद करता है. उसने कहा कि जेल से रिहा होने के बाद वह और उसके चार बच्चों की मां उसकी पत्नी शाजिया धार्मिक कार्य करने के साथ ही विश्व में इस्लाम के बारे में शिक्षा देंगे. उसने कहा कि उसने अपनी पत्नी से कहा है कि जब तक वह जेल में है तब तक वह कुरान के साथ ही बाइबल भी पढ़ें.