जो लोग सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर दिन में कई बार भ्रमण करते हैं, उनमें दुखी रहने की प्रवृत्ति जन्म लेने लगती है. यह बात एक अध्ययन में सामने आई है.
समाचार पत्र 'डेली मेल' ने ऊटा वैली विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन के आधार लिखा है कि सोशल नेटवर्किंग साइट के प्रयोग से लोगों को लगता है कि दूसरे लोग उनकी तुलना में अधिक खुश हैं.
अध्ययन में यह बात सामने आई कि फेसबुक प्रयोग करने वाले लोगों में अपने पेज पर हंसते मुस्कराते चेहरे लगाने की प्रवृत्ति होती है, जिसके माध्यम से वे दूसरों को कमजोर संदेश देने का प्रयास किया जाता है.
इसके विपरीत जो लोग वास्तविक जीवन में सामाजिक होते हैं वे आभाषी दुनिया में जीने वाले लोगों की तुलना में कम दुखी होते हैं. यह निष्कर्ष वैज्ञानिक पत्रिका 'साइबरसाइकोलॉजी, बिहैवियर एंड सोशल नेटवर्किं ग' में प्रकाशित हुआ.