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विश्वास नहीं कि सरकार रिपोर्ट पर करेगी कोई कार्रवाईः संतोष हेगड़े

अवैध खनन पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने जा रहे कर्नाटक के लोकायुक्त न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े को इस बात का विश्वास नहीं है कि सरकार इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई करेगी.

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अवैध खनन पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने जा रहे कर्नाटक के लोकायुक्त न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े को इस बात का विश्वास नहीं है कि सरकार इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई करेगी.

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उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेगड़े ने कहा, ‘जैसा मैंने पहले भी कहा था, मुझे इस बात का यकीन नहीं है कि सरकार कोई कार्रवाई करेगी.’

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उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (प्रदेश सरकार) पहली (अंतरिम) रिपोर्ट रखी (दिसंबर 2008 में जमा की गई), पर उस पर कोई कार्रवाई नहीं की.’ लोकायुक्त के रजिस्ट्रार मूसा कुन्ही नायर मूले यह रिपोर्ट मुख्य सचिव एस वी रंगनाथ को सौंपने वाले हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2009 से अप्रैल 2010 के बीच अवैध खनन के कारण प्रदेश के राजकोष को 1,800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान पहुंचा है.

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लोकपाल विधेयक मसौदा समिति के सदस्य हेगड़े ने इस रिपोर्ट के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया. इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, चार कैबिनेट मंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी के अलावा लगभग 500 अन्य अधिकारियों को भी दोषी ठहराया गया है.

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यह पूछे जाने पर कि क्या आप अपनी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को भी जमा करेंगे, न्यायमूर्ति हेगड़े ने कहा कि शीर्ष अदालत ने उनसे रिपोर्ट मांगी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अगर कहा गया, तो मुझे रिपोर्ट देनी होगी और मैं उन्हें रिपोर्ट सौंप दूंगा. नहीं तो, कोई और भी इसे दे सकता है.’

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पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति हेगड़े ने कहा था, ‘मेरी एकमात्र आशा उच्चतम न्यायालय है.’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट लीक होने का मतलब यह नहीं है कि इसने अपनी ‘अहमियत’ खो दी है.

उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब सिर्फ यह है कि किसी को यह पहले से ही मिल गई है. यह किसी परीक्षा पत्र के लीक होने जैसा नहीं है.’ न्यायमूर्ति हेगड़े ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट में जांच में शामिल लोकायुक्त के पांच अधिकारियों को ‘संभावित खतरे’ के बारे में भी कहा है.

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उन्होंने कहा, ‘मैंने यह नहीं कहा है कि उन्हें पहले से खतरा है.’ लोकायुक्त ने कहा कि इन अधिकारियों ने संभवत: कुछ लोगों को (उनके अवैध मामलों की जांच करके) नाराज कर दिया है और उनका भविष्य खतरे में पड़ने की आशंका है.

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यह पूछे जाने पर कि लोकायुक्त पद छोड़ते समय क्या उन्हें कुछ ‘कड़वे’ अनुभव हैं, न्यायमूर्ति हेगड़े ने कहा, ‘जब लीकेज की बात आती है, तो मुझे कड़वाहट का अहसास होता है. वैसे नहीं.’ उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट में लौह अयस्क के निर्यात, उसमें शामिल लोग, अवैध कार्य और इसकी कीमत के अलावा कई चीजों की विस्तृत जानकारी है.

लौह अयस्क निर्यात को प्रतिबंधित करने पर जोर देते हुए हेगड़े ने कहा कि इनके निर्यात से देश को कोई फायदा नहीं होने वाला.

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