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हिरासत में मौत: एडीजी ने परिजनों से की पूछताछ

बिहार के नवादा जिला जहां गत 15 जनवरी को संदिग्ध रूप से पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले में परिजनों से गृह सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रविंद्र कुमार ने बुधवार को पूछताछ की.

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बिहार के नवादा जिला जहां गत 15 जनवरी को संदिग्ध रूप से पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले में परिजनों से गृह सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रविंद्र कुमार ने बुधवार को पूछताछ की.

मनोज कुमार (30) नामक युवक जिसका शव गत 15 जनवरी को पुलिस ने नवादा जिला के नगर थाना क्षेत्र के बैरिया गांव के समीप रेल पटरी के किनारे से बरामद किया था, जिसके परिजनों से राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रविंद्र कुमार ने बुधवार को पूछताछ की.

मृतक के परिजनों का आरोप है कि एक व्यवसायी की हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाकर गत 11 जनवरी की रात्रि में उसे पुलिस पकड़कर अपने साथ ले गयी, जिसकी बाद में मनोज की हत्या कर उसका शव को फेंक दिया गया था.

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मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रविंद्र कुमार बुधवार को नवादा पहुंचे और सर्वप्रथम लक्ष्मीपुर गांव निवासी मृतक मनोज यादव के परिजनों से नवादा जिला मुख्यालय में मुलाकात की.

सुबहानी ने बाद में बताया कि मनोज के परिजनों ने वही बातें दोहरायी जो प्राथमिकी में दर्ज है.

इस मामले में नवादा जिला के नगर थाना में अनुमंडल पुलिस अधिकारी संजय कुमार सिंह, नगर थाना अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी, सहायक निरीक्षक बी के मिश्र, राजकुमार और राजा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी और थाना अध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया था.

बिहार सरकार के दोनों अधिकारियों ने नवादा पुलिस द्वारा थाना की स्टेशन डायरी में अंकित किए बिना गैरकानूनी तरीके से चार दिनों तक हिरासत में लिए गए मनोज को हिरासत में रखने के आरोपों की जांच किए जाने की बात कही. उन्होंने इस मामले की जांच उनके द्वारा बुधवार को ही पूरी कर लिए जाने का भरोसा दिलाया. सुबहानी और रविंद्र उक्त स्थल पर भी गए जहां मनोज का शव पड़ा हुआ मिला था. इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री और राजद नेता राजवल्लभ प्रसाद के नेतृत्व में ग्यारह दलों का एक प्रतिनिधि मंडल भी इन अधिकारियों से मिला.

इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने नवादा में पुलिसिया जुल्म की शिकायत की और सुबहानी और रविंद्र से इस मामले में नामजद किए गए पुलिसकर्मियों को निलंबित किए जाने और मृतक के परिजनों को दस लाख रूपये और नौकरी दिए जाने की मांग की.

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प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दस वषों के दौरान यहां हुए आपराधिक घटनाओं में राजनीतिक नेताओं की संलिप्तता की भी जांच कराए जाने की मांग की.

बिहार सरकार के इन अधिकारियों से भाजपा के स्थानीय सांसद भोला प्रसाद सिंह, जदयू के विधायक कौशल यादव और भाजपा विधायक अनिल सिंह ने भी भेंट की और नवादा में बढ रहे आपराधिक घटनाओं की शिकायत की.

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