मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा में सुधार लाने के लिए विश्व बैंक और राज्य सरकार मिलकर काम करेंगे. इसके लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की परियोजना पर कार्य किया जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए विश्व बैंक द्वारा तैयार किए गए प्रतिवेदन 'हायर एजूकेशन इन मध्यप्रदेश द वे फॉरवर्ड' का विमोचन किया.
उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि विश्व बैंक के साथ परियोजना संचालन के तीन चरण होंगे. प्रथम चरण में विश्व बैंक ने भोपाल में उच्च शिक्षा से संबंधित स्टेक होल्डरों (पर्णधारियों), विशेषज्ञों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विचार मंथन आयोजित किया था. इस चिंतन की कार्रवाई का विवरण विश्व बैंक द्वारा तैयार किया गया है.
द्वितीय चरण में विश्व बैंक द्वारा उच्च शिक्षा में सुधार के लिए प्रशासनिक, सहभागिता, सार्वजनिक वित्त, संस्थाओं के अच्छे प्रयास और उच्च शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों और अभिभावकों की अपेक्षाओं के संबंध में विशेषज्ञ द्वारा परामर्श दिया जाएगा.
विश्व बैंक के परामर्श अनुसार सुधार की परियोजना क्रियान्वित होगी. उन्होंने आगे बताया कि परियोजना को विश्व बैंक आवश्यक वित्तीय सहयोग भी करेगा. सुधार कार्य के लिए राज्य को मात्र एक से सवा प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराएगा.