अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन दूसरे दौर की भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता के लिये आ रही हैं. यह वार्ता मंगलवार को होनी है जिस दौरान अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हालात सहित अहम द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और सुरक्षा सहयोग के बारे में चर्चा होगी.
हिलेरी की यह यात्रा दो दिवसीय रहेगी. वह विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के साथ बातचीत करेंगी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भेंट करेंगी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के साथ बैठक करेंगी.
मंगलवार सुबह अमेरिकी विदेश मंत्री की मेनन के साथ बैठक होगी. इसके बाद भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता होगी. फिर हिलेरी प्रधानमंत्री से मुलाकात करने जायेंगी. वह संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित विभिन्न दलों के नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगी.
हिलेरी बुधवार को चेन्नई जायेंगी जहां उनकी अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने की संभावना है.
रणनीतिक वार्ता में क्षेत्र के हालात के साथ ही दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग पर भी चर्चा होगी. संभावना है कि अमेरिका की वीजा व्यवस्था के बारे में भी भारत बातचीत करेगा क्योंकि इसके कारण देश के सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों की आवाजाही पर असर पड़ रहा है.
यह वार्ता पांच बिंदुओं पर आधारित रहेगी. इसमें रक्षा क्षेत्र में सामरिक सहयोग और आतंकवाद निरोध का मुद्दा शामिल है.
हिलेरी और कृष्णा के बीच पहली रणनीतिक वार्ता 2009 में हुई थी ताकि दोनों देशों के बीच विभिन्न द्विपक्षीय अंतर-सरकारी गतिविधियों की रूपरेखा तय की जा सके और उसे सामरिक दिशा दी जा सके. यह वार्ता पिछले वर्ष वाशिंगटन में हुई थी.
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि रणनीतिक वार्ता दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के क्षेत्र में हो रही प्रगति का जायजा लेने और आपसी हितों वाले वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर सलाह-मशविरा करने का मौका देती है.
उन्होंने कहा कि इस वार्ता के जरिये दोनों सरकारों के लिये प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सहयोग की मध्यकालिक अवधि वाली रूपरेखा तय करने में मदद मिलती है.