तिब्बती धर्मगुरु करमापा लामा पर शिकंजा कसता ही जा रहा है. मठ में मिली विदेशी मुद्रा और विदेशी सिमकार्डों पर पुलिस ने करमापा से सीधी पूछताछ की है. इस बीच करमापा के चीनी कनेक्शन के भी पुख्ता सबूत सामने आ रहे हैं. इस मामले में अबतक दो लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
मठ में मिली विदेशी करेंसी और विदेशी सिमकार्ड ने तिब्बती धर्म गुरु करमापा को शक के पुख्ता घेरे में खड़ा कर दिया है. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करमापा के चीन से संबंध पर शक करने के लिए कई वजहें हैं.
करमापा का पीएलए यानी चीनी सेना के तीन रसूखदार लोगों से संबंध हैं. खुफिया एजेंसियों ने करमापा की बातचीत भी इंटरसेप्ट की है. करमापा के पास 5 अलग-अलग नामों से सिमकार्ड मिले हैं, उनमें 2 सिमकार्ड चीन के हैं.
करमापा के पास जो पैसा आया, वो म्यांमार और नेपाल के जरिए हवाला से आया, जहां पर चीन लगातार हावी हो रहा है. मठ से बरामद लैपटॉप और दस्तावेजों में दलाई लामा की यात्रा, उनकी मीटिंग का ट्रैक रिकॉर्ड है. साथ ही भारत की विदेश नीतियों का भी जिक्र है.{mospagebreak}
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पुलिस ने करमापा से सीधे पूछताछ की. पुलिस ने 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजे से पचास सवाल पूछे, हालांकि करमापा के जवाबों से पुलिस संतुष्ट नजर नहीं आई.
करमापा से पूछताछ के बाद उनके सलाहकार ने सफाई देते हुए कहा है कि मठ से बरामद पैसा भक्तों ने चढ़ाया था. पुलिस ने इस मामले में अबतक दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक बैंक अधिकारी से भी पूछताछ चल रही है.
इस पूरे मामले पर करमापा से फिर पूछताछ हो सकती है. सूत्र बताते हैं कि जासूसी के आरोपों में करमापा को देश-निकाला का आदेश भी दिया जा सकता है.