छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि सूर्यास्त के बाद भी राष्ट्रीय ध्वज को फहराये रखना कोई अपराध नहीं है और इसे तिरंगे का अपमान नहीं माना जाना चाहिए.
अदालत ने कहा कि सूर्यास्त के बाद झंडा नहीं झुकाने के आरोप में किसी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता और कोई भी कार्रवाई तभी होनी चाहिए यदि साबित हो जाए कि अन्य किसी रूप में तिरंगे का अनादर किया गया है.
रायगढ़ स्थित जिंदल पावर लिमिटेड के दो कर्मचारियों द्वारा दायर की याचिका के बाद अदालत ने अपना यह फैसला सुनाया है. इनके खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज संहिता अधिनियम अनादर रोकथाम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी जिसे रद्द कराने के लिए कर्मचारियों ने याचिका दायर की थी.
सूर्यास्त के बाद भी ध्वज को फहराये रखने के लिए मामला दर्ज किया गया था. न्यायमूर्ति धीरेंद्र मिश्रा ने जिंदल पावर लिमिटेड के पक्ष में फैसला सुनाया.