इंटरनेट को यूं ही नहीं अपार संभावनाओं वाला माध्यम कहा गया है. अब यह सखा और सहेली की भूमिका निभाने लगा है, कम से कम अमेरिका के मामले यह कहना तो मुफीद है.
वैसे वयस्क जिन्होंने अपने घरों में इंटरनेट कनेक्शन लगा रखे हैं उनके रोमांटिक संबंधों में पड़ने की संभावना होती है और संबंधों को जोड़ने का काम करता है यह न्यू मीडिया. लगता है कि आने वाले समय में यह न्यू मीडिया सामाजिक अगुआई करते हुए दोस्तों का भी स्थान ले सकता है.
अटलांटा में अमेरिकन सोशियोलजिकल एसोसिएशन की 105वीं आम सभा में इस संबंध में अनुसंधान पत्र पेश किया गया. समाज विज्ञानियों ने पाया कि जिन वयस्कों के घरों में इंटरनेट की सुविधा है उनके दूसरों से रिश्ता जोड़ने की संभावना बहुत बढ़ जाती है.
इस अनुसंधान निष्कर्ष का नाम ‘मीटिंग आनलाइन: द राइज आफ द इंटरनेट एज ए सोशल इंटरमीडियरी’ है. इसके अनुसार इंटरनेट समान लिंग वाली जोड़ियां मिलाने भी पुल का काम करता है. अमेरिका में प्रेमी प्रेमियों को मिलाने में इंटरनेट सखा और सखियों का स्थान लेता जा रहा है.
अपने अनुसंधान के लिए रोसेनफेल्ड और उनके दल ने 4002 वयस्कों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इनमें से 3009 लोगों की पत्नियां या रोमांस के साझेदार थे। सभी 2009 के इस सर्वे में भाग निया.
इंटरनेट की सुविधा संपन्न और उससे वंचित लोगों की तुलना करके समाजविज्ञानियों ने निष्कर्ष निकाला. उन्होंने पाया कि इंटरनेट सुविधा से संपन्न 82.2 फीसदी लोगों की पति या पत्िनयां या रोमांटिक साझेदार थे.