गृह मंत्रालय ने राजस्व विभाग से पूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति होने के आरोपों की जांच करने को कहा है.
राजस्व सचिव को लिखे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने उनसे कहा है कि वह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के जरिए आरोपों की जांच कराए. सीबीडीटी राजस्व विभाग की जांच शाखा है.
गृह मंत्रालय ने यह पत्र याचिका मिलने के बाद भेजा है जिसमें आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मौजूदा अध्यक्ष बालकृष्णन ने अपनी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति हासिल की है और इनमें से कुछ संपत्ति उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘आरोपों के साथ याचिका को जांच के लिए राजस्व विभाग के सचिव को भेज दिया गया है.’’ इस संबंध में संपर्क किए जाने पर बालकृष्णन ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
बालकृष्णन ने कहा कि अपनी संपत्ति के बारे में उन्होंने संदेह को पहले ही दूर कर दिया है. याचिका में बालकृष्णन और उनके रिश्तेदारों की आय और संपत्ति का ब्योरा है और उसमें कुछ संपत्ति की खरीद को दर्शाने वाले दस्तावेजों को भी संलग्न किया गया है और इसकी सीबीडीटी से जांच कराने की मांग की गई है.
सूत्रों ने कहा, ‘‘चूंकि सीबीडीटी को किसी की भी आय और आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति की जांच करने में विशेषज्ञता हासिल है, इसलिए यह जिम्मेदारी उसे सौंपी गई है.’’
अगर बालकृष्णन के खिलाफ आरोप सही पाए गए तो गृह मंत्रालय उनके खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति हासिल करने के लिए राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटा सकता है और एनएचआरसी के अध्यक्ष पद से भी उन्हें हटा सकता है.