सचिन रमेश तेंदुलकर, क्रिकेट का सबसे रोशन सितारा. वो शख्सियत जिससे जुड़कर अवॉर्ड भी सम्मानित होते हैं लेकिन सचिन के चाहनेवालों को सचिन के लिए चाहत है और इंतज़ार है भारत के सबसे बड़े सम्मान का यानी भारत रत्न का. लेकिन लगता है कि ये इंतजार अब छोटा हो गया है. पीएमओ को सिफारिश की गई है कि स्पोर्ट्स कैटेगरी में भी भारत रत्न दिया जाना चाहिए. तो हो सकता है बहुत जल्द सचिन भारत रत्न कहलाएं.
सचिन के इस सम्मान की राह में थी एक अड़चन. खेल से जुड़े लोगों को अबतक नहीं मिला था ये सम्मान. अब तमाम अड़चनों को खत्म किया जा रहा है.खेल मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से मांग की थी कि स्पोर्ट्स कैटेगरी में भी भारत रत्न का सम्मान दिया जाए. गृह मंत्रालय ने ये मांग मान ली है और अब ये सिफारिश पीएमओ को भेज दी गई है.
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जाहिर है अगर पीएमओ से इस सिफारिश को हरी झंडी मिल गई तो स्पोर्ट्स कैटेगरी में सबसे प्रबल दावेदार तो सचिन तेंदुलकर ही होंगे. लंबे वक्त से उन्हें ये सम्मान देने की मांग जो चल रही है.
21 साल से दुनिया सचिन का करिश्मा देख रही है और इसीलिए बार-बार सचिन को भारत रत्न देने की मांग उठती रही. 38 साल का ये जादूगर रिकॉर्डों के एवरेस्ट पर बैठा है, जिसतक पहुंच पाना लगभग नामुमकिन है. 453 वनडे मैचों में सचिन ने सबसे ज्यादा 18111 रन बनाएं हैं. इतना ही नहीं टेस्ट में भी सचिन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं.
सचिन का बल्ला रन बरसाना बखूबी जानता है. सचिन क्रिकेट की किताब हर शॉट खेलने में माहिर हैं. सचिन ने अपने 79 वनडे तक एक भी शतक नहीं जड़ा था लेकिन वहीं सचिन आज सबसे ज्यादा सैकड़ा जमाने वाले बल्लेबाज हैं.
टेस्ट मैचों में सचिन शतको का अर्द्धशतक बना चुके हैं. सचिन ने टेस्ट मैचों में कुल 51 शतक बनाएं हैं. यही नहीं वऩडे में 48 बार सचिन का बल्ला शतक जड़ चुका है. सचिन अंतराराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक बनाने से सिर्फ एक शतक दूर हैं. वनडे की एक पारी में 200 रन बनाने वाले सचिन दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं.
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क्रिकेट के इस मास्टर की जादूगरी को देखकर सचिन को आज का डॉन ब्रेडमैन कहा जाने लगा. दुनियाभर में सचिन और ब्रेडमैन की तुलना शुरु हो गई. इसके लिए बकायदा एक आस्ट्रेलियाई अखबार ने सर्वे कराया, जिसमें साफ हो गया कि सचिन ब्रैडमैन से भी आगे हैं. इस सर्वे में 67 फीसदी लोगों ने सचिन को चुना तो वहीं महज 33 फीसदी लोगो की राय थी कि ब्रेडमैन सचिन से आगे हैं. सचिन का पराक्रम पूरी दुनिया देख रही है. इस लाडले पर हिंदुस्तान फक्र करता है. ऐसे में हर क्रिकेट प्रेमी चाहता है कि सचिन को भारत रत्न मिल जाए.
जैसे ही पता चला कि सचिन को भारत रत्न दिए जाने का रास्ता साफ हो चुका है. ऐसा लगा जैसे सालों पुरानी कोई कामना पूरी हो गई है. बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और संसदीय राज्य मंत्री राजीव शुक्ला तो जाने कब से इस दिन का इंतजार कर रहे थे.
सचिन ने देश के नाम न जाने कितने रिकॉर्ड्स बनाएं हैं. लेकिन ये पहली बार होगा जब किसी खिलाड़ी को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान देकर हमारी सरकार ने नया रिकॉर्ड बनाने का फैसला किया है. जाहिर है, सचिन को मिलने वाले इस सम्मान से देश के दूसरे क्रिकेटर का भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
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सचिन को भारत रत्न दिए जाने की पहल इसलिए और महत्वपूर्ण हो है क्योंकि इसके लिए नियम बदले गए हैं. सचिन की शख्सियत के आगे हर नियम छोटा है. देर से ही सही सरकार ने इस बात को कुबूल कर लिया है. हालांकि कुछ लोगों को लगता है कि सचिन को भारत रत्न दिए जाने का फैसला नीतिगत बदलाव का मामला है.
नीतियों की सच्चाई तो सरकार जाने लेकिन सचिन को चाहने वाले उनके लिए हमेशा दुआ करते रहेंगे. कहने की जरूरत नहीं कि जिस देश में लोग सचिन को क्रिकेटर नहीं भगवान मानते हों वहां जीत आस्था और उपलब्धियों की ही हुई है. सचिन के लिए भारत रत्न का राह आसान करना इसी का सबूत है.