पटना के प्रसिद्ध संग्रहालय में रखी गई ऐतिहासिक और धार्मिक वस्तुओं को अब देश-विदेश के लोग घर बैठे भी देख सकेंगे. बिहार सरकार ने वर्चुअल टूर के जरिये घर बैठकर लोगों को करीब 90 वर्ष पुराने पटना संग्रहालय को दिखाने की व्यवस्था की है. इसकी तैयारी अंतिम चरण में है.
पटना संग्रहालय को देखने के लिए बस अब आपको संग्रहालय की वेबसाइट पर लॉगऑन करना होगा और फिर आप संग्रहालय के सभी गैलरियों की सैर कर सकेंगे. यह वेबसाइट अगस्त के प्रथम सप्ताह तक प्रारम्भ होने की सम्भावना है.
पटना संग्रहालय के अपर निदेशक और संग्रहालय के अध्यक्ष जय प्रकाश नारायण सिंह ने बताया कि संग्रहालय के इतिहास से लेकर यहां रखी करीब 4000 अमूल्य वस्तुओं को लोग अब घर बैठे ही देख सकेंगे.
उन्होंने बताया कि वेबसाइट में वर्चुअल टूर के अंतर्गत पूरे संग्रहालय को दिखाया जाएगा. उन्होंने बताया कि संग्रहालय की प्रसिद्घ दीदारगंज की याक्षिणी हो या दो सौ करोड़ पुराना जीवाश्म हो, या फिर भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्ति, इन सबका संक्षिप्त परिचय भी दर्शकों को ऑडियो के जरिये प्राप्त होगा.
सिंह के मुताबिक संग्रहणीय वस्तु के बारे में विस्तार से जानने के लिए उसके लिए निर्धारित शुल्क जमाकर लिंक किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि राहुल सांकृत्यायन द्वारा प्रदत्त लगभग 250 दुर्लभ पांडुलिपियों सहित कई पुस्तकों और शोध ग्रंथों के संरक्षण के लिए रासायनिक उपचार भी किए गए हैं.
ईरानी-राजपूत शैली में निर्मित पटना संग्रहालय को बिहार की बौद्धिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. भवन के केंद्र पर आकर्षक छतरी, चारों कोनों पर गुंबद और झरोखा शैली की खिड़कियां इसकी विशिष्टताएं हैं.