मुबारक का दमन जारी है. जनता अपनी मांग पर अड़ी है. ऐसे में मिस्र के राष्ट्रपति ने ढीले तेवरों से सीधे संवाद बनाने की पहल की है. जो मिस्र में बड़े बदलाव का संकेत माना जा सकता है. हुस्नी मुबारक गद्दी छोड़ सकते हैं. उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान को मिल सकती है सत्ता की बागडोर. अमेरिका सरकार और विरोधियों के बीच समझौता करवाने की जुगत में लगा है.
हुस्नी मुबारक, तीस साल से मिस्र की गद्दी पर काबिज हैं और भारी विरोध के बाद भी गद्दी न छोड़ने की जिद पर अड़े हैं. देश का युवा सड़कों पर कुचला जा रहा है पर हुस्नी संदेश भिजवा रहे हैं कि वो गद्दी छोड़ेंगे तो देश में गृहयुद्ध हो जाएगा.
इस दलील में दम नहीं दिखता. हुस्नी को गद्दी तो छोड़नी ही होगी. अमेरिका की अगुवाई में एक समझौते की बात जोरों पर है. हुस्नी के बाद गद्दी के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान ने जनता से सीधे संवाद की शुरुआत कर भी दी है.
उधर अमेरिका बराबर संदेश दे रहा है कि जनभावनाओं का सम्मान होना चाहिए और जल्द से जल्द हालात सुधरने चाहिए.
मिस्र में सत्ता के गलियारों में भारी चहल पहल देखने को मिल रही है. हुस्नी बैठक पर बैठक कर रहे हैं और सबको उम्मीद है कि जल्द ही हुस्नी को कोई फैसला लेना ही होगा.