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हाउसिंग फिनांस रैकेट रिश्वत का एक मामला हैः सरकार

सरकार ने कहा कि सीबीआई द्वारा हाउसिंग फिनांस रैकेट का भंडाफोड़ एक रिश्वत का मामला है जिसमें कुछ लोग शामिल हैं और यह कोई बड़ा घोटाला नहीं है.

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सरकार ने कहा कि सीबीआई द्वारा हाउसिंग फिनांस रैकेट का भंडाफोड़ एक रिश्वत का मामला है जिसमें कुछ लोग शामिल हैं और यह कोई बड़ा घोटाला नहीं है.

केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीना ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘यह रिश्वत का एक व्यक्तिगत मामला है न कि कोई बड़ा घोटाला. बैंकिंग तंत्र मजबूत है.’ उन्होंने कहा, ‘आवास ऋणों में गैर-निष्पादित आस्तियां बहुत मामूली हैं, एक प्रतिशत से भी कम. इसका बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.’

सीबीआई ने एक बड़े आवास ऋण घोटाले का पर्दाफाश करने का दावा किया और इस संबंध में एलआईसी हाउसिंग फिनांस के सीईओ रामचन्द्रन नायर और कुछ सरकारी बैंकों के तीन शीर्ष अधिकारियों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार किए गए लोगों में नायर के अलावा एलआईसी के सचिव (निवेश) नरेश के. चोपड़ा, बैंक आफ इंडिया के महाप्रबंधक आर.एन. तायल, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के निदेशक (चार्टर्ड एकाउंटेंट) महिन्दर सिंह जौहर और पीएनबी (दिल्ली) के उप महाप्रबंधक वेंकोबा गुज्जल शामिल हैं.

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सीबीआई ने कहा कि मुंबई स्थित फर्म मनी मैटर्स लिमिटेड के सीएमडी राजेश शर्मा एवं कंपनी के दो कर्मचारियों. सुरेश गट्टानी एवं संजय शर्मा भी गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल हैं.

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