बिजली पैदा करने के लिए दुनिया के तमाम देश परमाणु संयंत्रों का इस्तेमाल करते हैं. इन संयत्रों को चलाने के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल होता है जिससे इनकी खास देखरेख करनी पड़ती है.
प्लांट में न्यूक्लिर ईंधन के इस्तेमाल से भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा की जाती है. फिर इस ऊर्जा से वॉटर रिएक्टर में इकट्ठा किए गए पानी को गर्म किया जाता है. जिससे पानी भाप में बदल जाता है. जब इस भाप की ताकत से टरबाइन को घुमाया जाता है तो बिजली पैदा होती है.
फुकुशीमा में जिन ऱिएक्टरों में रेडियोएक्टिव रिसाव की खबर आई है वो उसके कूलिंग सिस्टम में खराबी से हुई है. बिजली सप्लाई बंद हो जाने से पानी को ठंडा करने का काम नहीं हो पा रहा जिससे इस प्लांट के ब्वायलिंग वॉटर रिएक्टर का तापमान कई गुना बढ़ गया है.