विकीलीक्स की ओर से किए गए खुलासे के बाद कश्मीर के अलगाववादी नेताओं ने प्रभावशाली विश्व संस्थाओं से मांग की है कि वे घाटी में मानवाधिकारों के कथित हनन की जांच कराएं.
हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के मुखिया सैयद अली शाह गिलानी ने एक बयान में कहा, ‘हम एमनेस्टी इंटरनेशनल, दि एशिया वॉच एवं अन्य प्रभावशाली संस्थाओं से मांग करते हैं कि वह कश्मीर में एक टीम भजेकर यहां के जेलों में यातनाएं दिए जाने की खबरों की जांच कराए.’
गिलानी ने मानवाधिकार हनन की खबरों पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की उस प्रतिक्रिया की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था ‘जहां तक इस सरकार की बात है, हम यातना देने के मामलों की अनदेखी नहीं करते. हमने न कभी ऐसा किया है और न कभी करेंगे.’
विकीलीक्स खुलासों पर हुर्रियत के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि यहां राज्य की नीति के तौर पर यातना का समर्थन किया जाता है. उन्होंने बताया, ‘हम हमेशा से कहते रहे हैं कि कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति काफी खराब है.’