पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरो पर है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और अमेरिकी सरकार के बीच गोपनीय बातचीत से जुड़ी खबरें सामने आने के बाद वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी को वापस बुलाया जा सकता है.
इस नए विवाद के केंद्र में हक्कानी हैं. पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज ने खुलासा किया था कि जरदारी ने ओबामा प्रशासन से संपर्क साध कर यह मांग की थी कि सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी को तख्ता पलट करने से रोका जाए. यह कथित संवाद ऐबटाबाद की अमेरिकी कार्रवाई के बाद का है.
जरदारी और अमेरिकी सरकार के बीच इस कथित गोपनीय संवाद के सामने आने के बाद से विवाद खड़ा हो गया है. जानकारों और मीडिया का मानना है कि इस पूरे मामले में हक्कानी भी शामिल थे. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेताओं की एक बैठक सोमवार को हुई थी.
इस बैठक के बाद बयान में कहा गया कि हक्कानी को बुलाया गया है ताकि वह अमेरिका-पाकिस्तान रिश्ते की मौजूदा स्थिति के बारे में देश के नेतृत्व को जानकारी दे सकें. उधर, राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि जरदारी और कयानी के बीच हुई एक मुलाकात में देश की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई है.