पुलिस आयुक्त अनुराग शर्मा ने कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य की मांग के समर्थन में मार्च के दौरान हुई हिंसा के पीछे ‘वामपंथी चरमपंथियों’ की भूमिका हो सकती है जिसके चलते बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा और निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया गया.
दिनभर शहर के विभिन्न हिस्सों में तेलंगाना समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़पों के मद्देनजर शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ऐसी खबरें हैं कि आंदोलन में कुछ वामपंथी चरमपंथी समूह घुस गए जिसका परिणाम निजी संपत्तियों पर हमले और अन्य नुकसान के रूप में निकला.’
शर्मा ने कहा कि पुलिस ने अधिकतम संयम बरता. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, हमने अपनी ओर से पूरी कोशिश की और प्रदर्शनकारियों को आयोजन स्थल नेकलेस रोड पर संजीव पार्क की ओर जाने के लिए विशेष मार्ग उपलब्ध कराए, लेकिन उनमें से कुछ ने टैंकबंद में बैरीकोड तोड़ने की कोशिश की जहां गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन चल रहा था.’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया और जब पुलिस ने आपत्ति की तो उन्होंने पथराव किया.
अनुराग शर्मा ने मार्च में भाग लेने वाले तेलंगाना समर्थकों की संख्या 80 हजार से एक लाख तक के बीच बताई. शर्मा ने बताया कि पुलिस के 25 वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गए. इनमें से तीन को आग लगा दी गई. नेकलेस रोड स्टेशन के नजदीक एक रेलवे कैबिन और रेल पटरी को क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
उन्होंने कहा, ‘इसके अतरिक्त प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों पर पथराव किया, मीडिया के लोगों पर हमला किया और दो तेलुगू चैनलों की दो ओबी वैन जला दी गईं.’ शर्मा ने कहा कि पथराव में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जाती है.