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'टाट्रा' खरीदी पर जबलपुर के सांसद ने भी उठाए थे सवाल

चेकोस्लोवाकिया की टाट्रा कम्पनी से हुई सेना के वाहन खरीद में गड़बड़ी की पहली शिकायत मई 2008 में रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी से की गई थी. यह शिकायत भारतीय जनता पार्टी के जबलपुर से सांसद राकेश सिंह ने की थी.

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टाट्रा ट्रक
टाट्रा ट्रक

चेकोस्लोवाकिया की टाट्रा कम्पनी से हुई सेना के वाहन खरीद में गड़बड़ी की पहली शिकायत मई 2008 में रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी से की गई थी. यह शिकायत भारतीय जनता पार्टी के जबलपुर से सांसद राकेश सिंह ने की थी.

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सिंह ने इस सिलसिले में एंटनी को खत भी लिखा था. इस पर एंटनी ने सांसद को भरोसा दिया था कि वह इस मामले को देखेंगे.

सांसद सिंह ने तमाम दस्तावेजी प्रमाण जारी कर बताया कि उन्होंने 12 मई 2008 को रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी को पत्र लिखा था. इस पत्र में कहा गया था कि चेकेस्लोवाकिया की टाट्रा कम्पनी द्वारा निर्मित हाई मोबेलिटी वाहन की खरीद 60 लाख रुपये प्रति वाहन की दर पर की गई है, जबकि जबलपुर की ह्वीकल फैक्टरी ने यह वाहन 30 लाख रुपये में बनाया है. इस वाहन के निर्माण व विकास पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं.

सांसद सिंह द्वारा लिखे गए पत्र का जवाब एंटनी ने 30 मई 2008 को दिया था. एंटनी ने अपने जवाब में कहा था कि वह इस मामले को देखने के लिए कहेंगे.

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सिंह का आरोप है कि विदेशी कम्पनी को लाभ पहुंचाने के मकसद से हाई मोबेलिटी वाहनों की खरीद जबलपुर की बजाय टाट्रा कम्पनी से दोगुनी कीमत पर की गई.

सिंह ने बताया, ‘उन्होंने टाट्रा कम्पनी से वाहन खरीद मामले की जांच एक उच्च स्तरीय समिति से कराए जाने की मांग की थी, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई.’

सिंह ने बताया, ‘सेना प्रमुख वी.के. सिंह द्वारा घूस की पेशकश का मामला उठाए जाने के बाद रक्षा मंत्री इस मामले की जांच कराने को तैयार हुए. हकीकत यह है कि खरीद में गड़बड़ी की शिकायत उन्होंने मई 2008 में की थी. यही नहीं, यह मामला शून्यकाल में सदन में भी उठाया गया था.’

सांसद सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्री यह नहीं कह सकते कि उन्हें इस खरीद में गड़बड़ी होने की पहले जानकारी नहीं थी. सिंह ने रक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा है.

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