इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2011 शुरू हो चुका है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस समारोह में पहुंचे. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती महिलाओं को ‘राजनीतिक शक्ति’ प्रदान करने की है.
वोटों की खरीद-फरोख्त के विवाद पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मैंने किसी को यह अधिकार नहीं दिया कि वह किसी का वोट खरीदे. मैं वोटों की खरीद-फरोख्त मामले से अनभिज्ञ हूं. निश्चय ही मैं इस तरह के किसी काम में शामिल नहीं हूं.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि गठबंधन सरकार की मजबूरियों के बारे में दिए गए उनके बयान को इस अर्थ में नहीं लिया जाना चाहिए कि वह सख्ती से संविधान का पालन नहीं करेंगे.
गत 22 जुलाई 2008 को हुए विश्वास मत के दौरान वोटों की खरीद-फरोख्त के आरोप पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं इस तरह के किसी लेन-देन में शामिल नहीं हूं.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि विकिलीक्स की तरफ से जारी किए गए गोपनीय दस्तावेजों में जिन लोगों का नाम आया है उन्होंने इसकी ‘विश्वसनीयता’ पर संदेह जताया है.
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि भूकंप और सुनामी के कारण जापान की दु:खद त्रासदी ने हमें अपने परमाणु सुरक्षा मुद्दे की पुन: समीक्षा करने और इस अनुभव से कुछ सीखने का मौका दिया है.{mospagebreak}
साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्री डकैती जैसी समस्या से निपटने के लिए कई राज्यों के सहयोग की जरूरत है. इसमें गहरे समुद्र में डकैती रोकना और इसको बढ़ावा देने वाले कारणों को खत्म करना शामिल हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में काले धन का मसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने देशभर में फैली भ्रष्टाचार पर भी गहरी चिंता जताई. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने कहा कि काला धन बड़ी रुकावट की तरह है.
कॉन्क्लेव में हर बार की तरह देश और दुनिया के बड़े मुद्दों पर अपनी राय देने के लिए तमाम बड़ी हस्तियां जुटी हैं. 18 और 19 मार्च को चलने वाले दो दिन के सत्र में जापान के परमाणु संकट पर खास चर्चा होगी.