वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टेस्ट के अंतिम दिन 17 विकट गिरे और इससे बौखलाये भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वानखेड़े की पिच को क्या हुआ जिस पर चौथे दिन तक स्पिनरों को कोई मदद नहीं मिल रही थी.
वेस्टइंडीज ने दूसरी पारी में आठ विकेट गंवा दिये जिससे उनकी टीम 134 रन पर सिमट गयी और भारत ने 243 रन के लक्ष्य को प्राप्त कर जीत दर्ज करने की मुहिम में नौ विकेट गंवा दिये और टीम अंत में केवल एक रन से जीत से महरूम रह गयी.
श्रृंखला 2-0 से जीतने के बाद धोनी ने कहा, ‘सच कहूं तो मैं नहीं जानता कि क्या हुआ. सुबह इसने टर्न करना शुरू कर दिया था. कल शाम तक सब कुछ ठीक था. यह सपाट पिचों में से एक है. सुबह जो कुछ हुआ उस बारे में मैं गंभीरता से कह रहा हूं, मजाक नहीं कर रहा कि इसने टर्न करना शुरू कर दिया था. यह काफी करीबी मैच रहा, जैसा कि स्कोर से पता चल रहा है.’
भारतीय कप्तान ने कहा कि स्ट्रोक्स खेलना काफी मुश्किल हो रहा था क्योंकि गेंद बल्ले पर नहीं आ रही थी. धोनी ने कहा, ‘स्पिनरों के लिये थोड़ा उछाल था और तेज गेंदबाजों के लिये गेंद थोड़ी रूक रही थी. अगर आप शाट लगाना चाहते हो तो आपको इसके प्रति सतर्क होना पड़ता. अगर आप नहीं होते तो मिडविकेट या कवर्स पर आप कैच आउट हो जाते.’
उन्होंने कहा कि उनकी रणनीति दौड़कर जितना जल्दी हो सके रन बटोरना था ताकि स्कोरबोर्ड चलायमान रह सके क्योंकि चौके लगाना काफी मुश्किल हो रहा था. धोनी ने कहा, ‘विकेट पर टिकना आसान था लेकिन रन जुटाना काफी मुश्किल था. हममें से कुछ ने सोचा कि अगर हम रोटेट कर सकते हैं और मैच के दौरान एक दो रन बनाते रहेंगे तो हमारे लिये आसानी हो जायेगी.’
विराट कोहली ने अर्धशतक बनाया लेकिन वह इसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाये, इस बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि दिल्ली का यह युवा क्रिकेटर समय के साथ सब सीख लेगा.