पाकिस्तान में राजनीतिक नेतृत्व और सेना में तनाव में बीच प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें संसद में विश्वास मत हासिल करने की आवश्यकता नहीं है.
गिलानी ने ये बातें नेशनल असेम्बली में कही. इससे पहले बुधवार को गिलानी ने सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी के करीबी समझे जाने वाले रक्षा सचिव नईम खालिद लोधी को पद से हटा दिया था, जिसके बाद सेना प्रमुख ने शीर्ष कमांडरों की बैठक बुलाई थी.
गिलानी ने एक चीनी समाचार-पत्र को दिए साक्षात्कार में कयानी और देश की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शुजा पाशा पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने अमेरिका को भेजे गए 'गोपनीय संदेश' मामले की जांच कर रहे सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अवैध जवाब दाखिल किए.
सेना ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए 'गम्भीर परिणाम' की चेतावनी दी. तभी से पाकिस्तान में सैन्य विद्रोह की अटकलें लगाई जा रही हैं.