भारत की शीर्ष रैंकिंग की महिला शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी ने आरोप लगाया कि अगले महीने होने वाले आगामी एशियाई खेलों के लिये उनकी अनदेखी की गयी है.
अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ने एक दिन पहले घोषणा की कि 2006 दोहा एशियाई खेलों के स्वर्ण पदकधारी विश्व चैम्पियन आनंद विश्वनाथन और कोनेरू हम्पी ने एशियाई खेलों से नाम बाहर ले लिया है लेकिन हम्पी ने कहा कि वह भारत का प्रतिनिधित्व करना पसंद करती.
उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने एशियाई खेलों से नाम वापस नहीं लिया है बल्कि मेरे प्रवेश से इंकार कर दिया गया. मुझे लगता है कि महासंघ को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और उनकी पूर्व प्रतिबद्धताओं के प्रति कुछ सम्मान दिखाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि भारत में खेलना हमेशा शीर्ष प्रतिबद्धता होती है और मैं देश की ओर से खेलकर स्वर्ण पदक जीतना पंसद करती.
दुनिया में शीर्ष रैंकिंग पर काबिज इस भारतीय शतरंज खिलाड़ी ने कहा कि भारतीय शतरंज महासंघ एशियाई खेलों से पहले मुझे एक ट्रेनिंग शिविर में शिरकत करना चाहता था, लेकिन उन्हें मेरी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को भी देखना चाहिए. उन्हें इंकार करने से पहले मेरे प्रदर्शन को भी देखना चाहिए.