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नीरज हत्‍याकांड: मारिया ने बताया खुद को बेगुनाह

नीरज ग्रोवर हत्याकांड में दोषी मारिया सुसिराज तीन साल बाद जेल से रिहा होने के बाद अब से थोडी देर पहले मुंबई में मीडिया के सामने आई, लेकिन मारिया और उसके वकील ने पत्रकारों का जवाब देना शुरू भी नहीं किया था कि वहां हंगामा शुरू हो गया.

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नीरज ग्रोवर हत्याकांड में दोषी मारिया सुसिराज तीन साल बाद जेल से रिहा होने के बाद अब से थोडी देर पहले मुंबई में मीडिया के सामने आई, लेकिन मारिया और उसके वकील ने पत्रकारों का जवाब देना शुरू भी नहीं किया था कि वहां हंगामा शुरू हो गया.

कुछ लोग हाथों में बैनर लेकर मारिया के खिलाफ नारे लगा रहे थे और हंगामे के बीच ही मारिया और उसके वकील ने पत्रकारों के सामने अपना पक्ष रखना शुरू किया. मारिया ने खुद को पूरे केस में बेगुनाह बताया. मारिया ने अपनी रिहाई के लिए ऊपरवाले का शुक्रिया अदा किया.

मारिया ने कहा कि मैं सजायाफ्ता हूं और ये अपने आप में एक दाग है. मारिया ने ये भी कहा कि वो कोर्ट के फैसले पर कुछ भी नहीं बोलेंगी. मारिया के वकील ने कहा कि नीरज के शव को जलाने की बात गलत है. मारिया के वकील ने ये भी कहा कि नीरज के शव के 300 टुकड़े नहीं किए गए.

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इससे पहले टीवी एग्जीक्यूटिव नीरज ग्रोवर की 2008 में हुई हत्या के बाद से जेल में बंद कन्नड अभिनेत्री मारिया सुसाइराज शनिवार को सलाखों से बाहर आ गई. अदालत ने उसे साक्ष्य मिटाने के आरोप में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी और इतना समय वह जेल में पहले ही गुजार चुकी है. अपने भाई के साथ मारिया प्रार्थना करने के मकसद से 10 मिनट के लिए माहिम चर्च में रुकी.

मारिया सुनाई गई तीन साल कैद की सजा की अवधि जेल में पहले ही पूरी कर चुकी है जबकि जेरोम को अभी सात साल और सलाखों के पीछे रहना होगा. जेरोम को सबूत मिटाने के जुर्म में भी तीन साल कैद की सजा सुनाई गई. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी. ग्रोवर की हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए उसकी लाश के बहुत से टुकड़े कर दिए गए थे. अभियोजन ने मारिया और जेरोम पर हत्या आपराधिक षड्यंत्र साझा मंशा और सबूत मिटाने के आरोप लगाए थे.

मारिया के वकील शरीफ शेख ने तर्क दिया था कि मारिया भादंसं की धारा 201 के अनुरूप पहले ही तीन साल जेल में काट चुकी है और उसे अधिक दिन तक जेल में रखना अवैध हिरासत के समान होगा. यह उल्लेख करते हुए कि वह आदतन अपराधी नहीं है शेख ने मारिया की युवा उम्र पर विचार करते हुए उसे कम सजा दिए जाने का आग्रह किया था.

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नीरज ग्रोवर के दुखी पिता अमरनाथ ग्रोवर ने इस सजा को मारिया को ‘दोषमुक्त’ किए जाने जैसा करार दिया. हत्या के बाद नीरज की लाश के टुकड़े कर इन्हें ठाणे से लगते मानोर के जंगलों में फेंक दिया गया था.

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